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महापंडित और भावितात्मा साहित्यकार थे डा शिवदास पाण्डेय . निधन पर साहित्य सम्मेलन ने गहरा शोक प्रकट किया

जनबोल न्यूज भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और अनेक ग्रंथों के रचयिता डा शिवदास पाण्डेय स्वाध्याय से अर्जित अपने विशद ज्ञान के कारण प्रबुद्ध

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shaziya shamim

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भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और अनेक ग्रंथों के रचयिता डा शिवदास पाण्डेय स्वाध्याय से अर्जित अपने विशद ज्ञान के कारण प्रबुद्ध समाज में महापंडित और हिन्दी भाषा के प्रति अत्यंत निष्ठावान साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित थे। ‘चाणक्य तुम लौट आओ’, ‘गौतम गाथा’, ‘द्रोणाचार्य’, ‘शंकराचार्य’, नचिकेता’ आदि पौराणिक पृष्ठभूमि पर आधृत अनेक उपन्यासों के लिए, देश भर में सुख्यात पाण्डेय जी एक शुद्धमना भावितात्मा साहित्यकार थे। हिन्दी और हिन्दी साहित्य सम्मेलन के लिए उनका अवदान अविस्मरणीय रहेगा। वे सम्मेलन के सम्मानित संरक्षक सदस्य और अनेक वर्षों से मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष थे। उनके निधन से न केवल संपूर्ण साहित्य-जगत की, अपितु साहित्य सम्मेलन की भी बड़ी क्षति पहुँची है। वे अनेक साहित्यिक संस्थाओं और आर्थिक दृष्टि से अबल साहित्यकारों के स्तुत्य पोषक थे।

यह शोकोदगार सोमवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के तत्त्वावधान में, ‘दूर-संवाद’ द्वारा आयोजित शोक-गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए,सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। डा सुलभ ने बताया कि अपनी विद्वता और कर्मठता से, वे जहाँ रहे, ‘साहित्यिक-केंद्र’ की तरह रहे। मुज़फ़्फ़रपुर के मिठनपुरा स्थित उनका आवास ‘सुधांजलि’ , वर्षों से साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा है। साहित्य सम्मेलन जब भी संकट में पड़ा, वे एक सुदृढ़ चट्टान की तरह सम्मेलन के हित में खड़े रहे। प्रशासनिक-सेवा में रहते हुए भी, उन्होंने जिस प्रकार अपने विपुल सृजन से हिन्दी-साहित्य के भंडार को भरा, वह न केवल स्तुत्य और प्रशंसनीय है, अपितु संग्रहणीय भी है। नई पीढ़ी के लिए उन्होंने पौराणिक-ज्ञान को नूतन संस्कार देकर एक ऐसी बड़ी थाती छोड़ी है, जिस पर साहित्य समाज को गौरव हो सकता है। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने अपने शती-वर्ष (२०१९) में, संपूर्ण भारतवर्ष से चुने गए जिन १०० विद्वानों को ‘शताब्दी-सम्मान’ से विभूषित किया था, उनमे बिहार से डा पाण्डेय भी सम्मिलित थे।

सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्रनाथ गुप्त, सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेय, डा शंकर प्रसाद, योगेन्द्र प्रसाद मिश्र, डा कल्याणी कुसुम सिंह, डा शारदानंद झा, डा भूपेन्द्र कलसी, डा रमेश पाण्डेय, डा पंकज वसंत, मृत्युंजय मिश्र ‘करुणेश’, भगवती प्रसाद द्विवेदी, बाबूलाल मधुकर, श्रीकांत सत्यदर्शी, कृष्णरंजन सिंह, आरपी घायल, पूनम आनंद, डा शालिनी पाण्डेय, डा सागरिका राय, डा अर्चना त्रिपाठी आदि ने भी अपने शोकोदगार प्रकट किए। स्मरणीय है कि गत ९-१० जुलाई की मध्य रात्रि में डा पाण्डेय का निधन हृदय गति रूक जाने के कारण, मुज़फ़्फ़रपुर स्थित अपने आवास पर हो गया था। वे कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।

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