जनबोल न्यूज
माननीय मंत्री, कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि वर्षों बाद इस वर्ष राज्य में समय पर वर्षा हुई है। इस वर्ष जुलाई माह में राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा होने तथा नेपाल से बिहार के सीमावर्ती जिलों से गुजरने वाली नदियों में पानी छोड़ने के कारण 19 जिलों यथा सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णियाँ, अररिया तथा कटिहार के कुल 215 प्रखण्डों में आई बाढ़ से खरीफ फसल प्रभावित हुआ है। प्रारम्भिक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 766729 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसल प्रभावित हुआ है। सरकार द्वारा पानी के निकल जाने के बाद किसानों को खड़ी फसलों के वास्तविक नुकसान के अनुसार नुकसान की भरपाई आपदा प्रबंधन के द्वारा तय मानकों के अनुसार किया जायेगा।
माननीय मंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सरकार द्वारा पूरी संवेदनशीलता के साथ राहत कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ आपदा पीड़ितों को राहत प्रदान करने में तत्पर है। बाढ़ राहत कार्यों के लिए जो भी किया जाना आवश्यक होगा, किया जायेगा। बाढ़ राहत कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आयेगी, क्योंकि हमारी सरकार का मानना है कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीडितों का है।
डॉ० प्रेम ने कहा कि बाढ़ राहत कार्यों में आम जनों के साथ-साथ पशुओं/पक्षियों का भी पूरा-पूरा ख्याल रखने का निदेश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है। पर्याप्त मात्रा में पशुओं के लिए चारा, आवश्यक दवा तथा पशु चिकित्सकों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों में पशुओं के लिए शिविर लगाया गया है तथा इसके साथ ही, बीमार पशुओं की चिकित्सा की व्यवस्था भी की गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी निकलने के बाद फसलों के वास्तविक नुकसान का भी आकलन किया जायेगा तथा प्रभावित किसानों को नियमानुसार समुचित क्षतिपूर्ति हेतु सहाय्य राशि उपलब्ध कराया जायेगा।
डॉ० कुमार ने कहा सरकार इस मुसीबत की घड़ी में बिहार की आमजनों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित सभी व्यक्तियों को सरकार द्वारा हरसम्भव सहायता उपलब्ध कराया जायेगा।