Janbol News

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ने कर्ज मुक्ति दिवस मना कर ये मांग रखी

जनबोल न्यूज अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ने कर्ज मुक्ति दिवस मना कर ये मांग रखी . जो निम्न है.. 1.स्वयं सहायता समूह से जुड़ी

By Janbol News

Edited By:

shaziya shamim

Published:

जनबोल न्यूज

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ने कर्ज मुक्ति दिवस मना कर ये मांग रखी . जो निम्न है..

1.स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाओं के सामूहिक कर्ज माफ करो.
2.एक लाख रुपये तक का निजी कर्ज चाहे वो सरकारी,माइक्रो फायनेंस संस्थानों अथवा निजी बैंकों से लिए गए हों,का लॉकडाउन के दौर का सभी किस्त माफ करो.
3.सभी छोटे कर्जों की वसूली पर 31 मार्च 2021तक रोक लगाओ.
4. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार और उनके उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करो.
5. एक लाख रुपये तक के कर्ज को ब्याज मुक्त बनाओ.
6.शिक्षा लोन को ब्याज मुक्त करो.
7. सामूहिक कर्ज के नियमन के लिए राज्य स्तर पर एक ऑथोरिटी बनाओ.
8.स्वरोजगार के लिए 10लाख रुपये तक के कर्ज पर 0-4% ब्याज दर हो.
9.जिस छोटे कर्ज का ब्याज मूलधन के बराबर या उससे अधिक दे दिया गया हो उस कर्ज को समाप्त करो.

बहनो,भाइयो!
ऊपर लिखे मांगों को पिछले तीन महीने से ऐपवा लगातार उठा रहा है.रिजर्व बैंक ने निर्देश जारी किया था कि 31अगस्त तक कर्ज वसूली पर रोक रहेगी, लेकिन इस दौर में भी माइक्रो फायनांस संस्थान और प्राइवेट बैंक कर्ज के किस्त वसूल रहे हैं. हमारे आंदोलन के बाद कुछ जगहों पर ये पीछे हटे हैं. लेकिन, कई जगहों पर अभी भी महिलाओं को धमकाकर जबरन वसूली कर रहे हैं.एक जगह तो असमर्थता जताने पर कहा गया कि शरीर बेच कर जमा करो!कहीं कोई महिला अगर किस्त जमा करने की स्थिति में नहीं है तो उसके घर का सामान उठा कर ले जा रहे हैं.

लॉकडाउन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. छोटे रोजगार, काम-धंधे बंद हैं. लॉकडाउन से पहले महिलाओं ने जो भी कर्ज लिए हैं वो शौक से नहीं मजबूरी में लिए हैं. आज जबकि भोजन का इंतजाम कठिन है तब लोन की किस्त कहां से जमा करें? इसलिए हमारी मांग है कि हम महिलाओं से कर्ज वसूली बंद की जाए.
15अगस्त को हम अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति का जश्न मनाते हैं. लेकिन, हमारी सरकार आज हमें नये किस्म के महाजनों का गुलाम बनाने में लगी है.पूंजीपति अरबों रुपयों का कर्ज नहीं चुकाते तो हमारी सरकार देश के खजाने से(जिसे हम-आप टैक्स से भरते हैं)उनका कर्ज चुकाती है और महिलाएं जो कि पहले हमेशा अपना कर्ज चुकाती रही हैं, उन्हें इस संकट के समय भी सरकार मदद नहीं कर रही!

बहनो, कोरोना संक्रमण तेज रफ्तार से बढ़ रहा है.स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोग भयभीत और निराश हैं लेकिन सरकार नागरिकों की चिंता के बदले अपने ही एजेंडे पर लगी हुई है. इसलिए आइए आज हम कोरोना से बचाव के गाइडलाइन व शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए अपनी मांगों के लिए आवाज उठाएं.

 

ट्रेंडिंग