जनबोल न्यूज
प्रयोगशाला प्रावैधिकी के 1772 पदों के नियमित नियुक्ति में “नियमावली 2019” के प्रावधानों का घोर उलंघन व धांधली मचा बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) द्वारा दूसरे राज्य का डिग्री बता 634 पद के अभ्यर्थियों को मनमाने ढंग से तथा साक्षात्कार व नियुक्ति से वंचित करने के खिलाफ़ मुख्यमन्त्री नीतीशकुमार व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से जवाब देने की मांग पर बिहार राज्य एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ (गोप गुट-ऐक्टू) एवं बिहार राज्य पारा मेडिकल संघ के संयुक्त रूप से भविष्य निधि कार्यालय, पटना स्थित ऐक्टू राज्य कार्यलय के समक्ष आज अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया और बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के अध्यक्ष का पुतला फूंका।
इस प्रदर्शन के जरिये दूसरे राज्य का डिग्री-डिप्लोमा के आधार पर जिस तरह एक्सरे टेक्नीशियन को नियुक्त किया गया उसी तर्ज पर व “प्रयोगशाला प्रावैधिकी संवर्ग (संसोधन) नियमावली 2019” के प्रावधानों के तहत 634 सहित सभी 1772 प्रयोगशाला प्रावैधिकी अभ्यर्थियों के साक्षात्कार-नियुक्ति की गारंटी करने की मांग किया साथ ही साक्षात्कार से बाहर कर दिए गए 634 अभ्यर्थियों को भी साक्षात्कार में सम्मलित करते हुए नियुक्ति का आदेश बिहार सरकार तत्काल जारी करे कि मांग किया।
ऐक्टू सचिव सह एड्स नियंत्रण कर्मचारी संघ अध्यक्ष रणविजय कुमार,महासचिव विमल प्रकाश, महासंघ( गोप गुट) सम्मानित अध्यक्ष रामबली प्रसाद,महासचिव प्रेमचन्द कुमार सिन्हा, ऐक्टू महासचिव आरएन ठाकुर,आदि नेताओं के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन-पुतला दहन में कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ता संघ अध्यक्ष शशि यादव,ऐक्टू नेता जितेंद्र कुमार व मुर्तजा अली खासतौर से शामिल थे।
प्रदर्शन व पुतला दहन के दौरान प्रदर्शनकारी प्रयोगशाला प्रावैधिकी अभ्यर्थी बाहर राज्य के प्रमाण-पत्र पर जब एक्सरे टेक्नीशियन की बहाली हो सकती है तो प्रयोगशाला प्रावैधिकी के 634 अभ्यर्थियों की क्यों नहीं आयोग जवाब दो,बीएसएससी मनमाना व दोहरा मापदंड लागू करना बंद करो,मुख्यमन्त्री -स्वास्थ्य मंत्री आयोग के मनमानेपन-धांधली पर रोक लगाओ,आयोग को नियमावली 2019 के प्रावधानों के तहत साक्षात्कार से वंचित किये गए 634 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार व नियुक्त करने का आदेश जारी करो, कर्मचारी चयन आयोग प्रयोगशाला प्रावैधिकी के नियुक्ति में धांधली व मनमानी बन्द करो,मुख्यमन्त्री व स्वास्थ्य मंत्री आयोग के धांधली पर अपनी चुप्पी तोड़ो,एक ही विज्ञापन से हुई बहाली में अलग अलग मापदंड लागू करना बंद करो का नारा लगा रहे थे ।
इस अवसर पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए उक्त नेताओं ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग द्वारा दूसरे राज्य की डिग्री बता कर 1772 में से जिन 634 पद के अभ्यर्थियों को साक्षात्कार व नियुक्ति से वंचित कर रहा है। दूसरे राज्य के डिग्री -डिप्लोमा के आधार पर उक्त प्रयोगशाला प्रावैधिकी अभ्यर्थी पिछले 15 वर्षों से राज्य के विभिन्न अस्पतालों में संविदा के आधार पर कार्य कर कोरोना,एड्स आदि का जांच कार्य करते आ रहे है। नेताओं ने यह भी आरोप लगया की एक ही साथ विज्ञापित दो अलग पदों की नियुक्ति में आयोग अलग अलग मापदंड कैसे अपना सकता है ? एक्सरे टेक्नीशियन के लिये दूसरे राज्य का डिग्री मान्य और प्रयोगशाला प्रावैधिकी मामले में अमान्य कैसे होगा?
नेताओं ने आयोग और सफेदपोश नेताओं के बीच नापाक गठजोड़ बना प्रोयगशाला प्रावैधिकी के नियुक्ति में धांधली मचाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से हस्तक्षेप कर कुल 1772 पद में से 1138 अभ्यर्थियों का किये जा रहे साक्षात्कार की प्रक्रिया से वंचित कर दिए गए 634 अभ्यर्थियों को भी शामिल करके साक्षात्कार लेने व नियुक्ति की प्रक्रिया सम्पन्न करने सम्बन्धी तत्काल आदेश जारी करने की पुरजोर मांग किया है।
इस अवसर पर प्रदर्शन स्थल पर हुई सभा की अध्यक्षता रणविजय कुमार व संचालन विमल प्रकाश ने किया।