Bihar election 2020 : रविवार को राज्यसभा में लाया गया कृषि बिल ( farmers bills) के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजूट है लेकिन उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली रालोसपा का रूख अलग है। रालोसपा के रूख को देखते कहा जा सकता है कि चुनाव के ठीक पहले मांझी के राह होने की पूरी संभावना है। दरअसल जिस महागठबंधन के घटक दल होकर उपेंद्र कुशवाहा ने लोकसभा चुनाव लड़ा था ठीक एक साल बाद मामला ठीक उलट है। तरजीह न मिलने से परेशान उपेंद्रकुशवाहा ने आंख तरेरनी शुरू कर दी है।
24 सितम्बर को करेंगे बैठ ले सकते हैं निर्णय
24 सितंम्बर को Bihar election 2020 को देखते हुए राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के कार्यकर्ताओं की अहम बैठक बुलायी गयी है। कयास लगाये जा रहे हैं कि उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन के दो साथियों के राह पर कुशवाहा भी निकलेंगे। जब पतवार लिए मांझी सताधारी एनडीए गठबंधन के साथ हो लिए तो विकासशील इंसान पार्टी( VIP) पार्टी के मुखिया को मजबूरन सड़क पर नाव चलानी परी है । अब कुशवाहा के उपर राजनीतिक पंडितों की निगाहें है। संभावना है कि 24 सितम्बर की बैठक बिहार के राजनीतिक हलचल को नयी रफ्तार दे।
टिकट के टिक-टिक में नहीं हैं कुशवाहा
बिहार विधान सभा चुनाव 2020 से पहले टिकट की टिक-टिक जारी है। महागठबंधन में समीकरण बना कर जोड़ घटाव की क्रिया भी तेज है। राजनीतिक गलियारों से जो हवा उठ रही है उसमें कहीं भी रालोसपा महा गठबंधन में नहीं है. कॉग्रेस और राजद के बीच टिकट के जो समीकरण तय हुए हैं उसमे राजद के खाते में 160 सीट जानी है।
लेकिन शर्त है कि भाकपा माले और सहनी की पार्टी अपने खाते से टिकट देगी। दूसरा प्रमुख घटक दल कॉग्रेस को अपने समर्थक पार्टी माकपा और भाकपा को 80 सीटों में से टिकट का बटवारा करनी है कहीं भी कुशवाहा की चर्चा नहीं की जा रही है। बात चाहे जो सभी को इंतजार अंतिम निर्णय का है।
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Bala Patanpuria