पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विगत 20 वर्षों से लगातार चुनाव जीत रहे प्रो नवल किशोर यादव 5 वीं बार अपना भाग्य आजमा रहे हैं जिनका मुकाबला किसी और से दूर दूर तक नहीं दिखाई पड़ता मुकाबला अपने आप से है जितनी वोट से पिछली बार जीते थे इस बार उससे भी ज्यादा वोट से जीतना लगभग तय है मतलब अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ नया रिकॉर्ड तोड़ एक ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाने की ओर चल पड़े हैं.
30 वर्ष की उम्र में पहली बार पटना स्नातक क्षेत्र से एमएलसी बने प्रो नवल किशोर यादव ने लगातार चार बार यू ही जीत नही दर्ज की. जमीन पर काम किया सदन में आवाज़ बुलंद किया जरूरत पड़ी तो सड़क पर उतारने से भी परहेज नही किया. शिक्षा और शिक्षक हित मे अपने तर्कों वितर्कों और पैनी धारदार ओजश्वी वक्तव्यों से शिक्षा मंत्री कौन कहे मुख्यमंत्री तक को निरुत्तर कर दिया.
प्रो नवल किशोर यादव की विशिष्ठ खासियत यह कि नियोजित आ वित्तरहित शिक्षकों संस्कृत या मदरसा शिक्षकों के हक हुक़ूक़ अधिकार वेतन की लड़ाई पुरजोर तरीके से सड़क से लेकर सदन तक तार्किक और बेवाक तरीके से लड़ी और सरकार को झुकने पर मजबूर किया.
जिसका नतीजा की सरकार ने नियोजित शिक्षकों को समान वेतन समान काम की मांग को माना । शिक्षकों के मान सम्मान हक हुक़ूक़ अधिकार के लिये कटिवद्ध प्रो नवल किशोर यादव लगातार चार बार शानदार जीत दर्ज करने के बाबजूद जनता से न कटे न शिक्षकों से उनकी लोकप्रियता का असली राज है पांचवी बार चुनावी अखाड़े में है सामने जो भी प्रत्याशी होगा वो मुकाबला जिस स्तर पर भी कर ले पर जीत प्रो नवलकिशोर यादव की होनी तय है और पिछले चुनाव में जितनी भी मार्जिन से जीते इस बार उससे आगे ही बढ़ेंगे.