बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केशरी डा0 श्री कृष्ण सिंहा की 133 वीं जयन्ती आज प्रदेश कांग्रेस कमिटी के मुख्यालय सदाकत आश्रम में बड़े उत्साह से मनाया गया।
जयन्ती समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी बिहार के प्रभारी श्री शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि श्री बाबू ने देश की आजादी की लड़ाई पंडित जवाहर लाल नेहरू, डा० राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, मौलाना मजहरूल हक के साथ कंधे-से-कंधे मिलाकर लड़ी।
स्वतंत्रता के बाद बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राज्य में विकास का मार्ग प्रशस्त किया। पतरातू एवं बरौनी थर्मल पावर स्टेशन, बरौनी तेल शोधक कारखाना, हेवी इंजीनियरिंग कोरपोरेशन राँची, बोकारो स्टील कारखाना, बरौनी एवं सिन्दरी खाद कारखाना आदि विकास के कारखाने उन्हीं के कार्यकाल में लगे।
डा० श्रीकृष्ण सिंहा संविधान सभा के भी सदस्य रहे। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू एवं प्रथम राष्ट्रपति डा0 राजेन्द्र प्रसाद, श्री बाबू का बड़ा सम्मान करते थे। श्री गोहिल ने कहा कि आज कृतज्ञ राज्य आधुनिक बिहार एवं झारखंड के निर्माण में श्रीबाबू के योगदान को स्मरण कर उनकी स्मृति को शत-शत नमन करती है।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष डा0 अखिलेश प्रसाद, सिंह सांसद ने कहा कि डा0 श्रीकृष्ण सिंहा के कार्यकाल में बिहार का स्थान देश के सबसे अच्छे शासित राज्य के रूप में आता था। आज श्री बाबू की जयन्ती के अवसर पर हमें उनके सपनों का बिहार बनाने का संकल्प लेना चाहिये। इसके पूर्व डा0 श्रीकृष्ण सिंहा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया
। इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव एवं बिहार कांग्रेस के चुनाव प्रभारी श्री रणदीपसिंह सुरजेवाला, महासचिव श्री तारिक अनवर, सचिव प्रभारी श्री अजय कपूर, पूर्व सांसद राजबब्बर, पूर्व राज्यपाल श्री निखिल कुमार, पूर्व मंत्री श्री सुबोध कान्त सहाय, विधान पार्षद श्री प्रेमचन्द्र मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष श्री कौकब कादरी सहित कांग्रेस के कई पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ता एवं श्रीबाबू से जुड़े कांग्रेसजन उपस्थित हुए।