बिहार में नवगठित सरकार के लिए मुश्किलें आनी शुरू होगयी है। बहुमत से मात्र चार सीटें ज्यादा लाकर सत्ता पर बैठी नीतीश सरकार को मजबुत विपक्ष का सामना करना पर रहा है। बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। आज 19 नवंबर को ही 12.00 बजे उन्होंने पदभार ग्रहण किया था। उनपर कृषि विश्वविद्यालय के नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। भ्रष्टाचार के लग रहे आरोपों के बीच मेवालाल ने 18 नवंबर को हीं मेवालाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। आज पदभार संभालने के बाद वे दोबारा सीएम नीतीश कुमार से मिले थे और इसके बाद दोपहर इस्तीफा दे दिया। बताते चलें कि बालिका गृह कांड के अभ्युक्त मंजू वर्मा को अपवाद माना जाये तो मेवालाल चौधरी बिहार सरकार के तीसरे ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने आरोपी होने के बाद इस्तीफा देना पड़ा है। इसके पहले जीतन राम मांझी और परिवहन मंत्री के रूप में कामकाज संभाले आरएन सिंह ने भी पदभार ग्रहण करने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
मुझ पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियादः मेवालाल
साल 2012 में सबौर कृषि विश्वविद्यालय में 161 सहायक प्राध्यापकों के नियुक्ति में फर्जीवाड़े के आरोप से घिरे शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी इस्तीफा तो दे दिये लेकिन जाते जाते खुद को निर्दोष भी बताते गये। बताते चलेंकी इन पर आरोप है कि मेरिटधारी लोगों को साक्षत्कार में कम अंक देकर जहाँ छंटनी कर दी थी वहीं अपेक्षाकृत कम मेरिटधारी लोगों को पूरा मार्क्स देकर सहायक प्राध्यापक बनाया था। इसपर तात्कालिन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उन्हे तलब भी किया था। मंत्री पद संभालने के बाद आरोपों से घिरे मेवालाल ने सफाई दी है। इन आरोपों के बाद इस्तिफा देते हुए उन्होंने कहा था कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मैं भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में संलिप्त नहीं रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा था कि अभी तक उनपर किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में उन्हें कैसे आरोपित बताया जा रहा है।