Bihar Health crisis : कोरोना महामारी के बाद हर तरफ बिहार और देश के स्वास्थ्य व्यवस्था पर बहस छिड़ी हुई है। यह बहस बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी राजद और सत्ताधारी एनडीए के बीच भी देखने को मिल रहा है। राजद लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर सवाल खड़ा कर रही है कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर है तो अब सत्तापक्ष की ओर से भी जवाब दिया जाने लगा है।
लालू ने कहा सरकार मिटा रही मेरा नाम
चारा घोटाले मामले में जमानत मिलने के बाद से राजद सुप्रीमों लालू यादव लगातार बिहार की राजनीति में ट्विटर के माध्यम से सरकार पर हमलावर हैं। हालांकि लालू यादव बिहार से बाहर दिल्ली में अपनी बेटी मीसा भारती के घर पर रह रहे हैं लेकिन उनके ट्विट लगातार चर्चा में बने हुए हैं। इसबार लालू यादव ने ट्विटर पर सहरसा के रेफरल अस्पताल से संबंधित ट्विट शेयर किया है। शेयर करते हुए बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था ( Bihar Health crisis) पर लिखा है
सहरसा में करीब 14 करोड़ की लागत से बने इस रेफरल अस्पताल का 1995 में हमने उद्घाटन किया था ताकि पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के अंदर बसे लाखों लोगों को इलाज उपलब्ध कराया जा सके लेकिन संकीर्ण और नकारात्मक मानसिकता के धनी ने बाक़ी हज़ारों स्वास्थ्य केंद्रों की तरह इसे भी ज़मीनदोज कर दिया।
लालू के ट्विट पर मोदी का दो टुक जवाब
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लालू के ट्विट का जवाब दिया है। सुशील मोदी ने लालू यादव के सवाल का जवाब देते हुए ट्विट किया है
लालू प्रसाद के 15 साल में न कोई नया मेडिकल कॉलेज खुला और न नर्सिंग कॉलेज खुला। उस समय नर्सें केरल से आती थीं, जबकि आज बिहार की बेटियां यहीं पढाई कर नर्स बन रही हैं।
दूसरी तरफ एनडीए सरकार के समय 4 मेडिकल कॉलेज खुले, 13 नये बनने वाले हैं और पीएमसीएच को ऐसा विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है, जहां एयर एम्बुलेंस से मरीज को लाया जा सकेगा। लालू प्रसाद रेफरल अस्पताल, चरवाहा विद्यालय और लालटेन से आगे नहीं सोच पाये।
उन्होंने अपने मुख्यमंत्री रहते हुए सहरसा व कुछ अन्य स्थानों पर जो रेफरल अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलवाये थे,वे उनकी पत्नी राबड़ी देवी के कार्यकाल में ही क्यों जर्जर होकर बंद हो गए?