Janbol News

Bihar election 2020 : वोटकटवा से ज्यादा नोटा को मिलता है बिहार में प्यार

Bihar election 2020 में पहले चरण के मतदान 28 अक्टूबर को हीं होने है। फहले चरण के मतदान में जब वोट डाला जायेगा तो जीत

By Janbol News

Edited By:

admin

Published:

Bihar election 2020 में पहले चरण के मतदान 28 अक्टूबर को हीं होने है। फहले चरण के मतदान में जब वोट डाला जायेगा तो जीत और हर का बाजार तो गर्म होगा हीं । जीत और हार के बाजार से कम  चर्चा नोटा का नहीं होने वाला है। दरअसल साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने जनता के हाथ में एक हथियार नोटा का भी दिया था। इस हथियार के आने के बाद जनता अपने गुस्से का इजहार करने के लिए लगातार इन में से कोई नहीं विकल्प चुनती आ रही है और दिन व दिन इसमें इजाफा भी होता जा रहा है।

ऐसे बदला है नोटा का  आंकड़ा

जब साल 2013 में नोटा नामक हथियार जनता के हाथों में दिया गया तो पहली बार गुस्सा जाहीर करने का पहला मौका मिला 2014 के आम चुनाव में हीं मिला।

बिहार का आंकड़ा तो और भी चौंकाने वाला है जहाँ लोकभा चुनाव 2014 में कुल 40 सीटों पर 5.81 लाख लोग नोटा का बटन दबाये वहीं 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में यह आंकड़ा बढ़ कर तकरीबन 9 लाख के आंकड़े तक पहुँच गयी। यह आंकड़ा कुल वोटों का तकरीबन 2.5 % है। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा थोड़ा कमा जरूर है तब भी यह आंकड़ा 8.17 लाख है।

वोट कटवा पार्टियों के वोट से ज्याद नोटा को मिला है समर्थन

Bihar election 2020 के चुनाव में वोटकटवा खेल बिगाड़े या नहीं बिगाड़े लेकिन पूरे राज्य के पिछले चुनावों का रिकार्ड कहता है कि लोग छोटी पार्टियों से ज्याद नोटा पर विश्वास जता रहे हैं। 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में हम  व  सीपीआई (एमएल)  के अलग-अलग वोट शेयर से अधिक नोटा का वोट शेयर था। बाबजूद इसके कि  हम पार्टी को एक सीट और सीपीआई (एमएल) (एल) को तीन सीटों पर जीत  भी मिली थी। हम पार्टी का वोट शेयर 2.27 प्रतिशत था और सीपीआई (एमएल)  का वोट शेयर 1.54 प्रतिशत था। जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) को 8,64,856 वोट मिले जबकि इसके बाद मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का नंबर रहा जिसे 7,88,047 यानी 2.07 फीसदी मत मिले।

ट्रेंडिंग