जनबोल न्यूज
स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाते हुए सांस्कृतिक संस्था “सूत्रधार” ने आंदोलनरत किसानों के समर्थन में उदय कुमार लिखित एवं निर्देशित नाटक “यह देश है वीर किसानों का” का प्रदर्शन किया । खगोल के जमालुद्दीन चक में प्रदर्शित इस नाटक की शुरुआत गीत “ले मशाले चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के, अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के, से हुई।
नाटक में किसानों के रोजमर्रा के संघर्षों को दर्शाया गया । सबका पेट भरने वाले किसान और उसका परिवार बदहाली भरा जीवन जीने को मजबूर है । उसे हर मोर्चे पर संघर्ष करना पड़ रहा है ।खाद ,बिजली, पानी, फसलों के उचित दाम आदि के लिए जूझते किसान कर्ज तले लगातार दबते जा रहा है। किसान आत्महत्या को मजबूर है, हताश निराशा किसानों की वास्तविक व्यथा को कोई नहीं सुनने वाला नहीं। ऊपर से यह बिना उनकी राय लिए, बिना उनकी वास्तविक समस्याओं को समझे पूंजीपतियों की हितैषी सरकार ने किसानों को तबाह करने वाले कानून थोप दिया है और जब किसान सरकार के निर्णय के विरुद्ध लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं तो सरकार उन्हें बदनाम करने के लिए तरह-तरह के आरोप लगा रही है ।
नाटक में किसानों के प्रति सरकार के रवैए की कड़ी आलोचना की गई एवं किसानों के पक्ष में समाज की एकजुटता का संदेश दिया गया । संस्था के महासचिव वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम ने कहा कि किसानों के समर्थन में “सूत्रधार” संस्था गांव-गांव घूम पर नाटक का प्रदर्शन करेगी। सरकार को किसानों की मांग माननी ही होगी। किसानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। संवेदनहीन सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा। सूत्रधार के निदेशक उदय कुमार ने कहा कि सरहद पर जवान देश की रक्षा में जुटे हैं और किसान देश के लोगों का पेट भर रहे हैं जय जवान जय किसान नारा देश के हर दिल में है। कलाकारों में अनिल सिंह, पल्लवी प्रदर्शनी, भरत आर्य, अंबुज कुमार, सुमन कुमार, परमानंद प्रेमी, रामनाथ भोला सिंह, राजीव रंजन त्रिपाठी नौशाद खान के साथ कई कलाकार शामिल थे। मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जमालुद्दीन चक पंचायत के पूर्व मुखिया उदय शंकर यादव एवम् पूर्व मुखिया फिरोज अहमद सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।