जनबोल न्यूज
केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया की वह पिछले साल महामारी के कारण यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल नही होने से अपना अखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्याथियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नही है .
न्यायमुर्ति ए एम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने काामिर्क और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर एस वी राजू के निवेदन का संत्ज्ञान लिया. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा की हम एक और अवसर देने को तैयैर नही है . मुझे हलफनामा दाखिल करने का समय दीजिए .
गुरुवार रात मुझे निर्दश मिला है की हम इस पर तैयार नही है . पीठ की न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमुर्ति कृष्ण मुरारी भी थे . पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना सिंह की याचिका को 25 जनवरी के लिए सुचीबद्ध किया है और केंद्र से हलफनामा दाखिल करने को कहा है .
इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था की सिविल सर्विसेज के ऐसे अभ्याथियों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही है . गौर हो की शीर्ष कोर्ट ने पिछले साल 30 सितंबर को यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करने से इंकार कर दिया था.