जनबोल न्यूज

अधिवक्ता संघर्ष मोर्चा बिहार के संयोजक राम जीवन प्रसाद सिंह ने बताया कि पिछले मार्च से पटना उच्च न्यायालय सहित बिहार के सभी अधीनस्थ न्यायालय लगभग बन्द पड़ा हुआ है. जिससे अधिवक्ता, अधिवक्ता लिपिक एवं टाइपिस्ट आदि की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई है, इन्हें कर्ज पर आश्रित रहना पड़ रहा है।

वर्चुअल कोर्ट कुछ साधन सम्पन्न अधिवक्ताओं तक ही सीमित रह रहा है . ई फाईलिंग पद्धति द्वारा दाखिल अधिकांश आवेदन खासकर जमानत का भी, कहाँ पड़ा हुआ है कुछ पता नहीं चलता . ऐसी परिस्थिति में माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय एवं माननीय मुख्य न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय से 29/8/2020 को निवेदन किया गया कि नियमित न्यायालय की प्रक्रिया शुरू की जाय और मैनुअल फाईलिंग शुरू कराया जाय . इसके साथ-साथ 8 सूत्री मांगे माननीय मुख्य न्यायाधीशों से की गई पर अभी तक किसी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं किया गया है .

लाचार होकर अधिवक्ताओं ने सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है और 10. 9. 2020 को 12 बजे दिन से 8 सूत्री मांगो को लेकर बिहार स्टेट बार काॅउन्सिल भवन के पास धरना दिया जायगा .धरना की तैयारी कर ली गई है .

 

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