aicctu protest

जनबोल न्यूज

देश मे आजादी के दौर से मजदूरों के लिए लागू 44 श्रम कानूनों को अडानी-अम्बानी व देशी विदेशी पूंजीपतियों के हित मे इन कानूनों को मोदी सरकार द्वारा समाप्त कर मजदूरों पर जबरन गुलामी थोपने के लिए लोकसभा के चालू सत्र में इन 44 श्रम कानून के बदले लाया गया .श्रम कोडों यथा सोशल सिक्युरिटी बिल, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एवं इंडस्ट्रियल रिलेशनल,वेज कोड की प्रति को प्रतीक स्वरूप पटना के कंकड़बाग,आशियाना,मसौढ़ी, फतुहां आदि स्थानों सहित पूरे राज्य व देशभर में ऐक्टू द्वारा जलाया गया। इस दौरान “मजदूर अधिकार को बचाओ“, गुलामी के श्रम कोड जलाओ, गुलामी के सभी 4 कोड वापस लो,भाजपा शासित व अन्य राज्यों में श्रम कानूनों के निलंबन को वापस लो. 12 घंटे का कार्य दिवस नहीं चलेगा, नहीं मानेंगे का नारा जमकर लगाया।

ऐक्टू 16 सितबर से देशव्यापी “मजदूर अधिकार बचाओ अभियान” की शुरुआत किया है जिसका समापन शहीद भगत सिंह के जन्मदिन पर 28 सिंतबर को होगा.

पटना के कंकड़बाग में ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, निर्माण मजदूर यूनियन नेता श्याम प्रसाद साव,अरविंद प्रसाद चन्द्रवँशी,युवा नेता प्रकाश कुमार सिंह,माले नेता पन्नालाल सिंह के नेतृत्व में श्रम कोड के उक्त प्रतियों को कंकड़बाग के अशोकनगर रोड नम्बर 11 मजदूर अड्डा पर जलाया गया इस अवसर पर ऐक्टू सदस्यों ने मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्ती व सौगात स्वरूप देश पर लादे गए बेरोजगारी,भुखमरी,आर्थिक संकट,सरकारी सम्पतियों को बेचे जाने,नए नौकरियों पर रोक,50 वर्ष में सरकारी कर्मियों को जबरन सेवानिवृत करने के खिलाफ प्रवासी मजदूर सहित मजदूरों के प्रति परिवार को 10 किलो 6 माह तक मुफ्त राशन व 6 माह तक 7500 रु गुजारा भत्ता तथा तत्काल 10 हजार रु लॉक डाउन राहत राशि देने की मांग करते हुए जमकर नारा लगाया।

वहीं  पटना के आशियान नगर में ऐक्टू नेता जितेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में तथा बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन सह ऐक्टू नेता कमलेश कुमार के नेतृत्व में मसौढ़ी रेलवे स्टेशन प्रांगण में लोकसभा में मोदी सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर लोकसभा में पेश 4 श्रम कोड की प्रतियों को प्रतीक स्वरूप जलाया गया ।

इस अवसर पर ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) नेता रणविजय कुमार ने भारत को विनाशकारी मोदीशाही के चुंगल से मुक्त कराने के लिये प्रतिरोध तेज करने, गुलामी के 4 श्रम कोडों,बढ़ती बेरोजगारी,निजीकरण और देश के संसाधनों को बेचने व लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ प्रतिरोध तेज करने का आह्वान किया।साथ ही सामाजिक सुरक्षा में कटौती बंद करने,नरेगा को मजबूत बनाने व सालाना न्यूनतम 200 दिनों का काम और 500 रु० दैनिक मजदूरी सुनिश्चित करने की मांग दुहराया।

उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को रेल बचाओ, सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ ,निजीकरण, निगमीकरण और विनिवेशीकरण बंद करो, देश की संपत्ति बेचना बंद करो.

23 सितंबर 20 को केद्रीय ट्रेड यूनियनों के आहृान पर देशव्यापी संयुक्त विरोध प्रदर्शन होगा वहीं 28 सितंबर 2020 को शहीद भगत सिंह का 113 वां जन्म दिवस के अवसर पर ऐक्टू के मजदूर अधिकार बचाओ अभियान की समाप्ति
‘‘रोजगार बचाओ,अधिकार और लोकतंत्र बचाओ “के नारे पर देशभर में प्रदर्शन के साथ होगा।

 

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