राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के संस्कार  सम्बन्धी  बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि हर संतान को संस्कार उसके माता-पिता से हीं मिलता है। तेजस्वी जी को अपने पिता लालू प्रसाद जी का संस्कार मिला है इसिलिए वे भी अपने पिता की तरह किसानों, मजदूरों, बेरोजगार नौजवानों के साथ हीं समाज के उपेक्षित और अन्तिम पायदान के लोगों के हक की लड़ाई का अगुवाई कर रहे हैं। जिनके डीएनए में खोट रहता है उन्हीं के संस्कार आयातित होते हैं। और लोग उसे ‘वर्णसंकर’ कहते हैं। किसी राज्य के उप मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति यदि इस प्रकार का स्तरहीन बयान दे तो उसके संस्कार पर सवाल खड़ा होना स्वाभाविक है।

राजद नेता ने कहा कि देशभर में एकमात्र राज्य बिहार है जहाँ कि सरकार पुरे लाॅकडाउन काल में सोयी रही। जहाँ दूसरे राज्यों की सरकार लाॅकडाउन में टेस्टिंग की रफ्तार बढा़ने और कोविड संक्रमितों के बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने की तैयारी में लगा रहा। वहीं बिहार सरकार के घटक दल जदयू और भाजपा  विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने में मस्त रहा ।

उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही और संवेदनहीनता की वजह से कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होते जा रहा है और स्वस्थ होने का दर घटते जा रहा है फिर भी जदयू और भाजपा की प्राथमिकता विधानसभा का चुनाव है। संक्रमण  विस्तार का एक महत्वपूर्ण कारक भी भाजपा और जदयू द्वारा आयोजित बैठक और संवाद है।
राजद प्रवक्ता ने सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा और जदयू नेताओं से कहा है कि वे वर्चुअल बयानबाजी करने के बजाय अस्पतालों और आइसोलेसन केन्द्रों पर जाकर एक्चुअल स्थिति को देखें कि कैसे मरीजों को ठीक से खाना नहीं मिल रहा है, बेड के अभाव में मरीज अस्पताल के बाहर तड़प रहा है,  मुर्दों के बीच मरीजों को रहना पड रहा है। जाँच का सैम्पल बिना जाँच के हीं हफ्तों यूँही पड़ा रह जाता है,  दस-दस दिनों तक जाँच का रिपोर्ट नहीं मिलता है, और बिना सैम्पल लिए हीं जाँच का रिपोर्ट दे दिया जाता है ।
राजद नेता ने कहा कि भाजपा और जदयू नेताओं को नेता प्रतिपक्ष का मूल्यांकन करने के बजाय अपने कामों का मूल्यांकन करना चाहिए। ऐसे भाजपा और जदयू नेताओं द्वारा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव पर की जा रही केन्द्रित टिप्पणियों से हीं यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्हें यह आभास हो चुका है कि जनता को तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में हीं बिहार का भविष्य सुरक्षित दिखाई पड़ रहा है ।

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