जनबोल न्यूज

करगहर । हरितालिका तीज व्रत प्रखंड क्षेत्र में श्रद्धापूर्वक मनाया गया. सभी सुहागिनों ने अपने पति के दीर्घायु होने के लिए निर्जला उपवास रखकर भगवान शिव व पार्वती को विभिन्न प्रकार के फल-फूल व पकवान चढ़ाकर अखंड सौभाग्यवती का आशिर्वाद मांगा। पूरे दिन उपवास रख शाम में स्नान आदि कर पुरोहितों से माता पार्वती के कथा का श्रवण किया। उसके उपरांत दान उपदान कर पूरी रात जग कर उपासना की। सभी सुहागिन सुबह में पूजा अर्चना के बाद शुद्ध भोजन कर अपना व्रत तोड़ेंगी। जानकारों की माने  तो धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस पर्व की परंपरा  प्राचीन काल से चला आ रहा है। मान्यता है कि पार्वती की तपस्या से खुश होकर शिव ने तीज के दिन ही अपनी पत्नी के रुप में स्वीकार किया था। उसी समय से सुहागिन अपने पति व पुत्र के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं।
करगहर के शिवपुर, खरारी,बभनी ,कुम्हिला, निमडिहरा, बड़हरी,समेरी देव,सहुआर, अररूआँ, सिरिसियाँ,डिभियाँ,जलालपुर सहित सभी गांवों में सुहागिनों ने व्रत रखा। यूं तो पति के दीर्घायु होने व उनकी रक्षा के लिए धर्मशास्त्रों में कई व्रत-त्योहारों का जिक्र है, लेकिन इसकी सबसे अधिक महत्ता बतायी जाती है। सुहागिन इस दिन निर्जला उपवास रखकर रात में शिव-पार्वती की मिट्टी  या बालू की प्रतिमा बनाकर पूजा करती हैं। व पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं। रतन व विमलेश पंडित कहते हैं कि धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक इस पर्व की परंपरा त्रेतायुग से है। इस पर्व के दिन जो सुहागिन अपने अखंड सौभाग्यवती होने, पति व पुत्र के कल्याण के लिए निर्जला व्रत रखती है।

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