जनबोल न्यूज

कोरोना संक्रमण का लगातार बढ़ता प्रकोप, डाक्टरों,स्वास्थ्य कर्मियों की मौतों की खबर, अस्पतालों की दुरावस्था,कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक उपकरणों,आक्सीजन सिलिंडरों की भारी किल्लत के बीच उत्तर बिहार में विनाशकारी बाढ़ ने बिहार सरकार की विकास संबंधी तमाम प्रचारों की अर्थी निकाल दी है। सरकार के मुखिया नितीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री प्रेस के सामने आने से पूरी तरह परहेज़ कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर चुनावी आभासी रैलियों का दौर जारी है। जिला केन्द्रों से जिला अस्पतालों के भयावह दृश्य सोशल मीडिया पर आम लोगों की बेबसी बयां कर रहे हैं लेकिन बिहार सरकार और आला अधिकारी निश्चिंत हैं।

भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार राज्य कमिटी, निकम्मे और गैर जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के तत्काल बर्खास्तगी की मांग करती है।

पार्टी राज्यस्तर पर स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विशेषज्ञों की कमिटी गठित कर राज्य से लेकर पंचायत स्तर तक सर्वदलीय कमिटी बनाकर इस आपदा को जन सहयोग के जरिए पराजित करने के लिए सामुहिक कदम उठाया जाना चाहिए। उसी तरह बाढ़ पीड़ितों के लिए अस्थाई आवास,भोजन, चिकित्सा के लिए सभी दलों,जन संगठनों, नागरिक संगठनों से सहयोग लेकर राहत कार्यों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

 

 

 

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