गोपालगंज जिले के बरौली प्रखण्ड के अंतर्गत जलपुरवां गांव से पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के गाँव को जोड़ने वाली कच्ची सड़क पर ग्रामीणों द्वारा चंदे इकट्ठा कर बनवाएं गए पुल के पास बाढ़ के पानी के तेज धार से मिट्टी का कटाव हो जाने के यातायात बधित हो गया है . जिससे लोगो को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.
1973 से 1975 तक कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे अब्दुल गफूर साहेब का घर जलपुरवां से सटे सरेया गाँव है जब अब्दुल गफूर साहेब मुख्यमंत्री बने तो आसपास के लोगो मे उम्मीद जगी की जलपुरवां में पुल अब जल्द ही बनेगा लेकिन ग्रामीणों का सपना अधूरा रह गया और आजादी के 73 साल बाद भी पुल नही बना जिससे लोगो तो मुख्य रोड पर जाने के लिए 5 किलोमीटर की लंबी दूरी घूमकर तय करनी पड़ती है.
लोकसभा और विधानसभा के चुनाव के समय सभी प्रत्याशी पुल बनाने के नाम पर लोगो आज तक ठगते आ रहे है लेकिन सांसद विधायक बनने के बाद जलपुरवां गाँव का नाम तक भी भूल जाते है.
1990 के आसपास उच्च शिक्षा पाने के लिए विद्यार्थियों को 8 से 10 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता था लंबी दूरी होने के कारण हजारो लड़कियां का उच्च शिक्षा का सपना चूर हो गया.
लड़कियों के उच्च शिक्षा में बांधा बनी पुल को दूर करने के लिए आसपास के ग्रामीणों ने आपस मे चंदा इकट्ठा करके 4 फिट चौड़ी पुल का निर्माण कराया था जो जलपुरवां से सरेया के रास्ते सिवान बरौली मुख्य मार्ग को जोड़ता था
बाढ़ के कारण पानी के तेज बहाव से मिट्टी कटाव होने के कारण पुल पर यातायात बाधित है वही ग्रामीणों को पुल ध्वस्त का भय सता रहा है.