जनबोल न्यूज
पीएमसीएच के आइसोलेशन वार्ड में एक लड़की के साथ गार्ड द्वारा बलात्कार की घटना का भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति निंदा करती है और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करती है।
माकपा राज्य सचिव मंडल सदस्य एवं एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी ने कहा कोरोना काल में बिहार में अपराध का ग्राफ बहुत बढ़ा है। खासकर महिलाओं और बच्चियों के साथ हिंसा, सामूहिक बलात्कार एवं हत्या की घटनाएं ने बिहार सरकार का सुशासन का पोल खोल दिया है।
यह घटना पहली नहीं है, इससे पहले गया के अस्पताल में एक महिला के साथ डॉक्टर के द्वारा बलात्कार की घटना होती है, दरभंगा में एक दलित बच्ची के साथ बलात्कार कर हत्या कर दिया गया, मधुबनी में एक लड़की के साथ चार लड़कों ने बलात्कार का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया, पटना के राजबंशी नगर में एक नेपाली लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म, अररिया में चार लड़कों द्वारा एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना अंजाम दिया गया।
पिछले दिनों एक और घटना अररिया में हुई, जिसमें सामूहिक बलात्कार पीड़िता का 164 का बयान कराने कोर्ट ले जाय गया, लेकिन उसे न्याय देने के बजाय पीड़िता को हीं जेल भेज दिया गया। यही है नीतीश सरकार के कानून का राज, जहां अपराधी और पुलिस की सांठगाठ के चलते पीड़िता को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ता है।
माकपा ने मांग की है की …….
महिला हिंसा और बलात्कार जैसी मामलों का स्पीडी ट्रायल कर अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिया जाय।
बलात्कार पीड़िता को निर्भया फंड से 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाय।
नैतिकता के आधार पर राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांड इस्तीफा दे।
अररिया की बलात्कार पीड़िता समेत दो अन्य महिलाओं को अविलंब रिहा किया जाय।
सीपीआई(एम) पटना जिला सचिव मनोज कुमार चंद्रवंशी ने भी इस घटना की निंदा की है।