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यशवंत सिन्हा ने छतिग्रस्त सतरघाट पुल का जायजा लेकर , कहा अब बिहार सरकार द्वारा निर्मित सभी पुलों की गुणवक्ता पर संकोच उठने लगा है

जनबोल न्यूज पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा शुक्रवार को गंडक नदी पर नवनिर्मित सतरघाट पुल की जर्जर स्तिथि का मुआइना करने गोपालगंज पहुंचे। 263.47 करोड़

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shaziya shamim

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पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा शुक्रवार को गंडक नदी पर नवनिर्मित सतरघाट पुल की जर्जर स्तिथि का मुआइना करने गोपालगंज पहुंचे। 263.47 करोड़ की भारी लागत से बना यह पुल बारिश के कारण नदी के तेज बहाव में ढह गया। दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 जून, 2020 को पुल का उद्घाटन किया था। गंडक नदी पर बने इस पुल का उद्देश्य ने पूर्वी चंपारण के शहरों के साथ गोपालगंज, सीवान और सारण जिलों के बीच सड़क की दूरी को कम करना है।

मिडिया में आये तमाम खबर और मंत्री के बयानबाजी पर स्थानिय हालात का जायजा लेने पहुंचे यशवंत सिन्हा ने नीतीश सरकार की विफलताओं को चिन्हित करते हुए कहा,” पुल के निर्माण में 8 वर्ष का समय लगा, करोड़ों रूपए खर्च किये गए लेकिन पुल की गुणवक्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया यह नवनिर्मित पुल इतना कमजोर था कि नदी का बहाव नहीं झेल पाया और पुल निर्माण में सम्मलित जनता का पैसा मात्र 29 दिन में एका एक बाढ़ में बह गया क्यों ?”

उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए आगे कहा, “इस भयंकर दुर्घटना में किसी को जान माल की छति नहीं हुई पर इससे जनता के मन में बिहार सरकार द्वारा निर्मित सभी पुलों की गुणवक्ता पर संकोच उठ गया है। मैं पुल निर्माण में की गयी कोताही पर जांच की मांग करता हूँ ताकि नीतीश सरकार की लापरवाही का जोखिम भरा नतीजा जनता को न उठाना पड़े।श्री सिन्हा के साथ पूर्व सांसद अरूण कुमार और तमाम नेता मौजूद रहें ।

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