जनबोल न्यूज
बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा है कि कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों में रोजगार की बहुत सी संभावनायें हैं। राज्य सरकार बिहार कौशल विकास मिशन अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, आत्मा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर, उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय, नालन्दा एवं बामेती, पटना में कौशल विकास से संबंधित 17 प्रकार के कोर्स संचालित कर रही है। 30 से 40 दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में युवाओं को संबंधित विषय की तथ्यात्मक एवं व्यवहारिक जानकारी दी जाती है। साथ ही, अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने के लिये योजना तैयार करने, बैंक से ऋण की प्रक्रिया और विपणन के विभन्न पहलुओं को भी बताया जाता है।
माननीय मंत्री ने कहा कि कौशल विकास प्रषिक्षण के लिये मैट्रिक उतीर्ण युवक/ युवितायाँ अपना पंजीकरण आत्मा अथवा कृषि विज्ञान केन्द्र से निर्धारित प्रपत्र में वांछित कागजातों की प्रतियाँ संलग्न कर करा सकते हैं। आवेदन के साथ 1,000 रुपये का शुल्क जमा कराया जाता है, जिसे कोर्स के सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद अभ्यर्थी को वापस कर दिया जाता है। एक बैच में 30 युवक/युवतियों को प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षणार्थी युवक / युवतियाँ गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादक, पेस्टीसाईड एवं उर्वरक सर्विस दाता, मशरुम उत्पादक, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक, सूक्ष्म सिंचाई तकनीशियन, फार्म मशीनरी तकनीशियन, जैविक उत्पादक, औषधीय पौधा उत्पादक, मधुमक्खीपालक, माली, खुले फूल की खोती, संरक्षित फूल की खेती, नीरा तकनीशियन, गन्ना उत्पादन, बीज विश्लेषक, आम उत्पादक जैसे पाठ्यक्रमों में से किसी भी कोर्स का चयन कर प्रशिक्षण प्राप्त कर सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते हुये स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये अपना रोजगार प्रारम्भ कर सकते हैं।