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मसौढी के डॉक्टर अवधेश बाबू के निधन पर मुख्यमंत्री और लोगों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की

जनबोल न्यूज डॉ अवधेश बाबू का हम सभी के बीच से अचानक चले जाना, मसौढी के लिए बहुत ही दुखद खबर है । डॉ अवधेश

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shaziya shamim

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डॉ अवधेश बाबू का हम सभी के बीच से अचानक चले जाना, मसौढी के लिए बहुत ही दुखद खबर है । डॉ अवधेश बाबू जैसा न कोई मसौढी में हुए और शायद होंगे भी नहीं जिनका दिल और दरवाजे 24 घंटे सभी के लिए खुले रहें । बहुत बङा सुनापन पैदा हो गया मसौढी में जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है । विश्वास तो नहीं हो रहा लेकिन क्रूर काल के आगे हम सभी विवश हैं । हम पर तो उनका बहुत ज्यादा स्नेह और आशीर्वाद रहा है । हमारे लिये यह व्यक्तिगत रूप से बहुत बड़ी क्षति है । खैर, उनके सेवा-समर्पण और परोपकारी जीवन हम सभी को सदा जीवन में अच्छा करने के लिए…..आगे बढने के लिए प्रेरित करते रहेंगे वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फोन कर उनके बेटे सुधीर कुमार सिंह बातें की और इस दुख की घड़ी में उन्हें संभावना दिए हैं और शत-शत नमन किया .

भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार के सदस्यों को इस सदमे से उबरने की शक्ति दें ।।

कल तक वो सामान्य थें और अपनी सारी दिनचर्या को करते हुए बढ़िया से भोजन करके सोये थें । तीन चार बजे भोर में सीने में दर्द महसूस हुआ (हर्ट -अटैक आया) और उन्हें तत्काल पटना ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गयी । उनके बड़े पुत्र डॉ सुधीर जी जो डाॅ अवधेश बाबू के साथ निरंतर रहा करते हैं/थें उनके स्वास्थ्य को लेकर सदा एलर्ट रहते थे । वे प्रयास करते थें कि डॉ साहब ज्यादा से ज्यादा रिलेक्स मूड में रहें और इसके लिए वो उनके साथ समय भी गुजारते थे और उनके साथ हंसते-हंसाते रहते थें ।

इसके लिये श्रीकृष्णा सर को भी सुधीर भाई बुला लिया करते थें । पिछले दिनों हम और राहुल सर भी डाॅ साहब से मिलने गये थे । थोङा चलने में भटकते थे….बस। बाकी बिल्कुल स्वस्थ और मस्त थें । अपनी रूटिन जांच के लिए उधर मुम्बई भी गये थें और डाॅ ने उन्हें सामान्य करार दिये थे । पिछले दिनों कुछ अफवाह उङाने पर डाॅ सुधीर जी डॉ अवधेश बाबू का वाकिंग करते वीडियो पोस्ट करते हुए बताये थे कि पूर्णतः स्वस्थ हैं और उन्हें शारीरिक या कोई मानसिक परेशानी नहीं है । डॉ अवधेश बाबू के स्वास्थ्य में दिक्कत को लेकर किसी भी प्रकार की भनक रहने पर उनके परिजन उन्हें पटना या मुम्बई तुरंत शिफ्ट कर देते लेकिन एक तरह से डाॅ साहब का ईश्वर के यहां से बुलावा ही आ गया था इस कारण झटके से निकल गयें ।

जीयें भी तो शहंशाह की तरह और विदा भी हुए तो शहंशाह की तरह । जीवन भर सबकी सेवा किये…. ….लेकिन खुद बिना किसी की विशेष सेवा लिये सबको राम-राम कर गयें ।

बहुत याद आयेंगे डाॅ साहब आप…..हम सभी को । खासकर, आपकी मंद – मंद मुस्कान, सबके साथ हंसने-हंसाने और बात-बात में उन्हें अपने इष्ट – मित्रों के साथ सद्व्यवहार की शिक्षा देने का आपका अनुपम स्वभाव सदा अविस्मरणीय रहेगा ।। प्रेम के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित ।।

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