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मोतिहारी के पिपराकोठी में पोषण अभियान को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कही ये बात…

जनबोल न्यूज आज मोतिहारी के पिपराकोठी में पोषण अभियान 2020 ,  महिला कृषक प्रशिक्षण एवं कृषक उत्पादक समूह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद,चेयरमैन

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आज मोतिहारी के पिपराकोठी में पोषण अभियान 2020 ,  महिला कृषक प्रशिक्षण एवं कृषक उत्पादक समूह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद,चेयरमैन रेलवे स्थाई समिति सह पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां हमारी अधिकांश ग्रामीण एवं शहरी जनसंख्या अपने स्वास्थ्य और शरीर को तंदुरुस्त रखने के लिए रेशेदार धान्य भोजन पर निर्भर है। इसलिए हमारी जनसंख्या की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संतुलित आहार की आवश्यकता है।

श्री सिंह ने कहा कि हमारा देश खाद्यान्नों के उत्पादों में सुरक्षित है। पर समय की मांग है कि हम पोषण सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें। हमारे राज्य में पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग 48.3 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं।

उन्होंने कहा कि यहां चर्चा करना आवश्यक प्रतीत होता है कि हम पोषण पर चर्चा करें कि पोषण क्या है? भोजन में उपस्थित पोषक तत्व, उसका प्रभाव और प्रतिक्रिया जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, यही पोषण विज्ञान है। पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज-लवण, विटामिन और मिनरल पानी इत्यादि हमारे भोजन में संतुलित मात्रा में उपलब्ध हैं तो कुपोषण के शिकार होने से बच सकते हैं।पोषण का अर्थ है किसी एक या एक से अधिक पोषक तत्वों का आहार में कमी होना या उसके अधिकता हो जाना।

श्री सिंह ने कहा कि पोषण माह के इस अवसर पर हमारा यह दायित्व है कि हम पोषण सुरक्षा के विषय में सघन रूप से जानकारी, प्रदर्शन एवं समय सूचना समाज में पहुंचा है ताकि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से प्रभावी एवं सफल हो।

उक्त कार्यों को संपादित करने हेतु हमें छोटे मोटे प्रयास करने होंगे जैसे हमारे भोजन की थाली में संतुलित आहार हो इसके लिए हमें अपने आसपास के छोटे जमीन जिसे हम बाड़ी कहते हैं, पोषण वाटिका लगाकर फल और सब्जी प्राप्त कर सकते हैं।

• फल और सब्जी ऐसे खाद्य पदार्थ है जो हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है, जिसे हम रोग प्रतिरोधक क्षमता कहते हैं।
• बायोफोर्टीफाइड बीज का उत्पादन में प्रयोग भी पोषण सुरक्षा में सहायक सिद्ध हो रहा है।
• मोटे अनाज जैसे मड़ुआ, जौ, बाजरा, क्वालिटी प्रोटीन मक्का को अपने भोजन में शामिल करना अति आवश्यक हो गया है।
• एक अति आवश्यक संदेश यह है कि पोषण सुरक्षा के लिए हमारे पास किसी वस्तु की कमी नहीं है, अभाव है तो सिर्फ जानकारी की कि हम अपने स्थानीय उत्पादों का अपने भोजन में किस तरह संचित समावेश करें जिससे कि हमारा शरीर स्वस्थ रहे।

उक्त अवसर पर बिहार सरकार के कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार,इफको,पटना के राज्य विपणन प्रबंधक सोमेश्वर सिंह,जिला प्रबंधक इफको सुजीत कुमार,पूर्व विधायक कृष्णनंदन पासवान,वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान कृषि विज्ञान केंद्र डॉ०अरविंद कुमार सिंह,गृह वैज्ञानिक केवीके डॉ०नीलम कुमारी, प्रभारी आईडीबीसी डॉ०टी०पी०महतो,मृदा वैज्ञानिक केवीके,परसौनी आशीष राय,पशुपालन वैज्ञानिक केवीके परसौनी,कृषि अभयंत्रण वैज्ञानिक केवीके पिपरकोठी अंशु गंगवार,मौसम वैज्ञानिक केवीके पिपरकोठी डॉ०नेहा पारीख,प्रक्षेत्र प्रबंधक केवेके पिपरकोठी मनीष कुमार,बीटीएम आत्मा राजेश्वर कुमार,परियोजना निदेशक आत्मा डॉ०रणवीर सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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