Janbol News

अटल टनल रोहतांग का पीएम मोदी ने किया उद्भाटन , जाने क्या है इसकी खासियत

जनबोल न्यूज  शनिवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्भाटन किया . यह टनल हिमाचल प्रदे्श के कूल्लू में मनाली –

By Janbol News

Edited By:

admin

Published:

जनबोल न्यूज 

शनिवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्भाटन किया . यह टनल हिमाचल प्रदे्श के कूल्लू में मनाली – लेह मार्ग पर बनाया गया है . पूर्वी पीर पंजाल की पर्वत शृंखला में बनी 9.02 किमी लंबी यह सुरंग लेह-मनाली राजमार्ग पर है. यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है. 3200 करोड़ की लागत से बनी यह टनल दुनिया की सबसे ऊंचाई (10040 फीट) पर हाईवे पर बनी है.

अटल टनल के उद्भाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग निर्माण कार्यों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. बीआरओ के महानिदेशक हरपाल सिंह ने अटल टनल निर्माण की गाथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताई. साथ ही बताया कि अटल टनल निर्माण में 10 साल का लंबा समय तैयार होने में लगा. घोड़े की नाल के आकार की डबल लेन टनल का निर्माण हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल्लवी टोपी पहनकर अटल टनल में पैदल चलकर यहां कई चीजों का अवलोकन किया है.

टनल की शुरुआत से सेना इस मार्ग से चीन (China) से सटी सीमा लद्दाख और पाकिस्तान से सटे कारगिल तक आसानी से पहुंच जाएगी. साथत ही मनाली और लेह के बीच दूरी 46 किमी कम हो गई है. मात्र डेढ़ घंटे में मनाली से केलांग पहुंचा जा सकता है.

दुनिया में सबसे ऊंचाई पर किसी में हाईवे पर बनी सबसे लंबी अटल टनल रोहतांग ने करीब 160 साल का लंबा सफर तय किया है. अंग्रेजी शासन के दौरान साल 1860 में सबसे पहले मोरोवियन मिशनरीज़ ने रोहतांग दर्रा के नीचे सुरंग बनाने की कल्पना की थी. आजादी के बाद 1953 में टनल को खारिज कर राहलाफाल से रोहतांग और कोकसर तक रोपवे बनाने की योजना भी बनी थी. लेकिन वह भी योजना ही रह गई. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में मनाली-लेह के बीच साल भर कनेक्टिविटी को सड़क निर्माण की परियोजना बनी. वाजपेयी सरकार में वर्ष 2002 में रोहतांग दर्रे पर सुरंग बनाने की परियोजना की घोषणा हुई. साल 2019 में वाजपेयी के नाम पर ही सुरंग का नाम अटल सुरंग रखा गया.जो अब बनकर तैयार हुई.

ट्रेंडिंग