भारत में आए दिनों महिलाओं के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आता है , हाल ही में हाथरस और बलरामपुर के हादसे ने सभी को शर्मशार किया है . देश में तेजी से बढ़ते महिला अपराध को देखते हुए गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों आर केंद्रशासित प्रदेश के लिए एडवाइजरी जारी की है.
इसमें मंत्रालय ने महिला अपराध के मामलों में पुलिस की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है। ऐसे मामलों में सही तरीके से काम करने और मामलों में लापरवाही न बरतने का दिशा-निर्देश दिया गया है.
सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में साफ किया गया है कि संज्ञेय अपराध की स्थिति में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है. सरकार ने याद दिलाया है कि कानून में भी जीरो एफआईआर का प्रावधान है. जीरा एफआईआर तब दर्ज की जाती है, जब अपराध थाने की सीमा से बाहर हुआ हो. IPC की धारा 166 A(c) के तहत अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो अधिकारी को सजा का भी प्रावधान है.
सीआरपीसी की धारा 173 में दुष्कर्म से जुड़े किसी भी मामले की जांच दो महीने के अंदर पूरी करने का प्रावधान है. अपराध में जांच की प्रगति जानने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन पोर्टल बनाया है.
सीआरपीसी के सेक्शन 164-A के अनुसार दुष्कर्म के किसी भी मामले की सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर पीड़िता की सहमति से एक रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर मेडिकल जांच करेगा.