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लालु राज मे अधिकारियों पर उग्रवादियों एवं नक्सलियों का नियंत्रण था-निहोरा यादव।

जनबोल न्यूज जदयू ने आज प्रेस वार्ता कर  राजद के  दावा  को  पूरी तरह गलत  बताया ।उसकी सरकार बनी तो 10 लाख लोगों को सरकारी

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जदयू ने आज प्रेस वार्ता कर  राजद के  दावा  को  पूरी तरह गलत  बताया ।उसकी सरकार बनी तो 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। प्रेस वार्ता मे   प्रवक्ता डाॅ. निहोरा प्रसाद यादव,  राजीव रंजन प्रसाद और अरविन्द निषाद ने मंगलवार को  कहा कि नौकरियों का वादा अपने आप में घोटाला  है।

इतने लोगों को नौकरी देने के लिए सालाना एक लाख 34 हजार करोड़ रुपया चाहिए। अब वे कह रहे हैं कि विधायकों के वेतन में कटौती करके नए बहाल लोगों के वेतन का खर्च जुटाएंगे।

जदयू नेताओं ने कहा कि राज्य के विधायकों को औसत हर महीने डेढ़ लाख रुपया मिलता है। 243 विधायकों का महीने का कुल वेतन तीन करोड़, 65 लाख 50 हजार रुपया हुआ। यदि 75 विधान पार्षदों को भी जोड़ लिया जाए तो यह एक करोड़ साढ़े 12 लाख रुपया होता है।

दोनों मिलाकर महज चार करोड़ 77 लाख रुपया होता है। दोनों सदनों के सदस्यों का वेतन पूरी तरह रोक भी लिया जाए तो इनके पैसे से नए बहाल होने वाले कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा सकता है।

जदयू के वरिष्ट नेता  डां  निहोरा प्रसाद यादव   ने कहा कि परिवारवाद ने लोकतंत्र को कमजोर किया है। जनता इसके खिलाफ कमर कस चुकी है। तेजस्वी यादव कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं। तो लोग हंसने का काम करता हैं। जिनके 15 वर्षो के सरकार में कानून के राज के स्थान पर बंदूक का राज था। अवैध आग्नेयास्त्रों के मामले में बिहार अव्वल था।

डां निहोरा प्रसाद ने  उस समय को याद दिलाते हुआ कहा कि   13 फरवरी 1992 को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि मेरी भी जान सुरक्षित नहीं है।उस समय  अधिकारियों पर सरकार का नहीं उग्रवादियों एवं नक्सलियों का नियंत्रण  होता था। अधिकारियों को उग्रवादियों एवं नक्सलियों के जन अदालत में शामिल होना एवं लेवी भी देना पड़ता था।

पटना संवाददाता

रवि कुमार

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