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बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ( Sushil Modi ) का आज 13 मई को दिल्ली में निधन हो गया। सुशील कुमार मोदी पिछले 40 दिनों से कैंसर के इलायज करवा रहे थे। दिल्ली एम्स में सुशील कुमार मोदी ने आखिरी सांस लिया। बताते चलें की 40 दिन पहले हीं सुशील कुमार मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर कैंसर होने की खबर साझा किया था। सुशील मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को हुआ था वे 72 साल की उम्र में 13 मई 2024 को अखिरी सांस लिये।
सुशील मोदी (Sushil Modi) का रहा है लंबा राजनीतिक इतिहास
छात्र राजनीति से जेपी आंदोलन के सहारे शुरू हुआ सुशील मोदी (Sushil Modi) का राजनीतिक जीवन काफी लम्बा रहा है। तकरीबन तीन दशक के राजनीतिक जीवन में सुशील मोदी विधान सभा, विधान परिषद, लोकसभा और राज्य सभा सभी चारो सदनों के सदस्य रहे हैं। सुशील मोदी साल 1973 में पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के महासचिव बने। साल 1990 में सुशील मोदी सक्रिय राजनीति में शामिल हुए और तब के पटना सेंट्रल विधनासभा वर्तमान में कुम्हरार विधान से चुनाव लड़े और जीत कर पहली बार विधायक बने। साल 2004 में लोकसभा के सदस्य बने।
जेपी आंदोलन के त्रिमूर्ति में से एक थे सुशील मोदी (Sushil Modi)
आम तौर पर लालू नीतीश सुशील मोदी (Sushil Modi) राजनीति जीवन में एक दूसरे के धूर विरोधी माने जाते रहे हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं तीनों न केवल एक हीं सस्थान पटना विश्वविद्यालय से राजनीतिक जीवन की शुरूआत की बल्कि एक हीं राजनीति आंदोलन नें तीनों को नेता के रूप में आम जनमानस के बीच लाया वह आंदोलन कोई और नहीं जेपी आंदोलन है। सुशील मोदी शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। 1971 में सुशील मोदी ने छात्र राजनीति से राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके बाद युवा नेता के रूप में इनकी पहचान विश्वविद्यालय से होते हुए राज्य की राजनीति तक पहुंची।