जनबोल न्यूज
बिहार में पिछले 30 सालों से समाजिक न्याय की हीं सरकार है। लेकिन समाजिक न्याय की सरकार में बिहार की अर्थव्यवस्था बद से बदत्तर हो गयी है।आम तौर पर लोग यह मानते हैं कि बिहार एक बिमारू राज्य है।लेकिन हम में से शायद हीं कुछ लोग हो जिन्हें यकिन हो कि कभी बिहार में भी बहार था इंडस्ट्री की भरमार था। लेकिन धिरे-धिरे बिहार में तथा कथित समाजिक न्याय वाली सरकार ने पैर पसारना शुरू कर दिया और रोजगार उत्पन्न करने वाली कारखाना खत्म होता चला गया।
भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी बिहार के गिरते कानून व्यवस्था को ठीक करने और खोयी हुयी गरिमा को वापस दिलाने के लिए संघर्षरत है।उक्त बातें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज शर्मा ने प्रेस नोट के माध्यम से कही। आगे उन्होने कहा कि बिहार में 1990 के दशक से पहले वाले कल कारखानों को वापस शुरू करवाने के लिए भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी पार्टी दृढ़ संकल्पित है।
आम जन मानस से अपील है कि बिहार में जारी लूट अपराध और कानून व्यवस्था से मुक्ति के युवा ज्यादा से ज्यादा जुड़ें। जारी प्रेस नोट में पार्टी के सारण जिला अध्यक्ष रूपेश कुमार ने कहा कि बिहार के युवा इस कोरोना काल में महसूस किया है कि कितना रोजगार और रोजगार के उद्दयोग का होना जरूरी है। माननीय अध्यक्ष जी के दिशा निर्देश अनुसार हम सारण जिलें में पार्टी से युवाओं को जोड़ रहे है। आगामी विधान सभा चुनाव में हमारी कोशिश है कि 30 साल के समाजिक न्याय वाली सरकारों ने जो छलावा किया है उसका पर्दाफाश किया जाये।