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नही रहीं पटना विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो वीणा रानी श्रीवास्तव

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा, देश की चुनी हुई १०० विदुषियों में सम्मिलित और ‘शताब्दी–सम्मान‘ से विभूषित, प्रख्यात विदुषी और पटना विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो

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shaziya shamim

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बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारादेश की चुनी हुई १०० विदुषियों में सम्मिलित और शताब्दीसम्मान‘ से विभूषितप्रख्यात विदुषी और पटना विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो वीणा रानी श्रीवास्तव नही रहीं। रविवार की संध्या साढ़े आठ बजेउन्होंने ८३ वर्ष की आयु मेंपूर्वी दिल्ली स्थित फ़ोर्टीज अस्पताल में अपनी अंतिम साँस ली। उन्हें साँस लेने में तकलीफ़ की शिकायत पर रविवार की सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया थाजहाँ हृदयगति रुक जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। वीणा जी पद्मसम्मान से विभूषित प्रख्यात साहित्यकारतिलका माँझी विश्वविद्यालयभागलपुर के पूर्व कुलपति और पटना के पूर्व सांसद प्रो शैलेंद्रनाथ श्रीवास्तव की पत्नी थीं। उनका बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन से भी गहरा और आत्मीय संबंध था और वो सम्मेलन की संरक्षक सदस्या भी थीं। 

उनके निधन पर सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा है कि वीणा जी स्तुत्य प्रतिभा की विदुषी और प्राध्यापिका थीं। उनकी सरलतासौम्यता और विनम्रता उनके मुखमंडल पर ही नहीआचरण और व्यवहार में भी लक्षित होता था। सम्मेलन के प्रति उनका आत्मीय लगाव था और वे संस्कार भारती‘ समेत अनेक सारस्वत संस्थाओं से निष्ठापूर्वक जुड़ी हुईं थी। उनके निधन से समस्त सारस्वत जगत की बड़ी क्षति पहुँची है।

शोक प्रकट करने वालों में सम्मेलन के उपाध्यक्ष नृपेंद्रनाथ गुप्तडा मधु वर्माडा शंकर प्रसादसम्मेलन के प्रधानमंत्री डा शिववंश पाण्डेयअभिजीत कश्यपडा भूपेन्द्र कलसीडा कल्याणी कुसुम सिंहयोगेन्द्र प्रसाद मिश्रडा शालिनी पाण्डेयपूनम आनंदडा लक्ष्मी सिंहसागरिका रायकृष्ण रंजन सिंहडा मेहता नगेंद्र सिंहसुनील कुमार दूबेकुमार अनुपम तथा श्रीकांत सत्यदर्शी के नाम सम्मिलित हैं।

प्रो श्रीवास्तव के पार्थिव देह का अग्निसंस्कार मंगलवार को प्रातः १० बजे लोदी रोडलाजपत नगर स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया जाएगा। उनके एक मात्र पुत्र पारिजात सौरभ मुखाग्नि देंगे। उनकी पुत्रियाँ जूही समर्पिता और अपराजिता समेत तीसरी पीढ़ी भी शोकाकुल है।

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