जनबोल न्यूज
भारत सरकार ने अब एम. बी. बी.एस के विधार्थियों के साथ- साथ आयुर्वेद के डॉक्टरों के डॉक्टरों को सर्जरी करने की अनुमति दे दी है . इसकी सूचना भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (Central Council of Indian Medicine) ने नोटिफिकेशन जारी कर दी . इस सूचना में परिषद ने कहा की अब आयुर्वेद के डॉक्टर अब 58 तरह की सर्जरी कर सकेंगे.
भारत सरकार के नोटिफिकेशन के मुताबिक आयुर्वेद के पीजी के छात्रों को आंख, नाक, कान, गले के साथ ही जनरल सर्जरी के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक इन छात्रों को ग्लुकोमा, मोतियाबिंद हटाने, स्तन की गांठों, अल्सर और पेट से बाहरी तत्वों की निकासी जैसा कई सर्जरी करने का अधिकार होगा. इस पर आयुष मंत्रालय भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (स्नातकोत्तर आयुर्वेद शिक्षा) संशोधन विनियम 2020 पर स्पष्टीकरण जारी किया है।
Indian Medical Association ने किया विरोध
भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद के इस फैसले पर इंडियन मेडिकल असोसिएशन (indian Medical Association ) ने इस फैसले इसे का विरोध करते हुए कहा की यह फैसला पूरी तरह से एकतरफा है. भारतीय चिकित्सा संघ की ओर से बयान जारी किया गया है कि अगर सीसीआईएम ने आईएमए की खींची हुई लक्ष्मण रेखा को लांघने की कोशिश की तो घातक परिणाम सामने आएंगे. आईएमए,सीसीआईएम को सलाह देते हुए कहा कि वह अपने प्राचीन ज्ञान के आधार पर सर्जरी का अपना नया तरीका इजाद करे और आधुनिक चिकित्सा शास्त्र पर आधारित प्रक्रिया से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखे. इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि वह आधुनिक चिकित्सा शास्त्र के डॉक्टरों की पोस्टिंग भारतीय चिकित्सा के कॉलेजों में नहीं करें. उन्होंने कहा कि अगर चोर दरवाजे से आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की छूट दी जाएगी तो NEET का महत्व पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.