जनबोल न्यूज
बिहार के स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों को समाप्त करने तथा प्रसव कक्ष की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गई हैं। इस कार्यक्रम के तहत मातृ एवं नवजात शिशुओ में मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं उसके बाद गुणवत्ता में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक मातृव देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना इसका मुख्य लक्ष्य हैं।
भौतिक निरीक्षण कर 8 इंडिकेटरों की होती हैं जांच:
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया संस्थागत प्रसव की दर में पहले की अपेक्षा काफ़ी बढ़ोतरी हुई हैं क्योंकि लक्ष्य कार्यक्रम को पूरी तरह से धरातल पर उतारा गया हैं।
लक्ष्य योजना के तहत प्रमाणिकरण के लिए 362 मानकों (इंडिकेटर) की जांच की जाती हैं। जिसमें मुख्य रूप से सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कॉंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम शामिल है। इन सभी आठों इंडिकेटर्स का कुल 362 उपमानको पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) इसके अलावा क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता हैं।
प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता हैं और यह देखा जाता हैं कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा हैं या नहीं। साथ ही उपरोक्त आठों इंडिकेटर्स के अनुरूप पंजी का संधारण व नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता हैं या नहीं इससे संबंधित निरीक्षण किया जाता हैं।
सुविधाओं की ब्रांडिंग के लिए किया जाता हैं मूल्यांकन:
प्रसव कक्ष में देखभाल सुविधाओं का मूल्यांकन के बाद
प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाना है उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधाओं को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाएगी। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता हैं जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता हैं तो वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता हैं। इन सभी को श्रेणियों को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि दिया जाता हैं।
लक्ष्य योजना के तहत पहले भी किया जा चुका ग्रेडिंग:
मालूम हो कि पूर्णिया ज़िला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के लेबर रूम को लक्ष्य योजना के तहत वर्ष 2018 में ही प्रमाणिकरण किया जा चुका है तो वहीं अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी के प्रसव कक्ष को भी वर्ष 2019 में ही लक्ष्य प्रमाणिकरण के तहत प्रमाणिकरण किया जा चुका है जिसके राशि का भुगतान जल्द ही होने वाला हैं। राशि मिलते ही सदर अस्पताल स्थित लेबर रूम व बनमनखी स्थित अनुमंडलीय अस्पताल के प्रसव कक्ष को नई तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा ताकि स्थानीय मरीजों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नही हो।
इन मानकों पर तय किया जाता हैं पुरस्कार:
-अस्पताल की आधारभूत संरचना
-साफ-सफाई एवं स्वच्छता
-जैविक कचरा निस्तारण
-संक्रमण रोकथाम
-अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली
-स्वच्छता एवं साफ़-सफाई को बढ़ावा देना