जनबोल न्यूज
रक्सौल अन्तर्गत बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल के द्वारा चलाए गए अभियान में 3 प्रतिष्ठानों से 4 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया जिसमें हुसैन मोटरसाइकिल गैरेज से २ बाल श्रमिक जबकि रामायण शॉकर रिपेयरिंग तथा आदित्य मोटरसाइकिल स्पेयर्स से १-१ बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया।
बाल एवम् किशोर श्रम(प्रतिषेध एवम् विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत सभी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कारवाई कर रही है। सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति के समक्ष उपस्थापित कर निदेशानुसार उन्हें बाल गृह में तत्काल रखा गया है।
बाल एवम् किशोर श्रम (प्रतिषेध एवम् विनियमन) अधिनियम १९८६ के अन्तर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने पर दोषी व्यक्तियों को २० हजार रूपए से लेकर ५० हजार रूपए तक का अर्थदंड तथा ६ माह से लेकर २ वर्ष तक का कारावास का प्रावधान है।
विमुक्त बाल श्रमिकों को शैक्षणिक पुनर्वास के तहत उनके आवास के नजदीकी सरकारी विद्यालय में नामांकन कराया जाएगा तथा उन्हें ३००० रुपया की पुनर्वास राशि दिलाई जाएगी। इसके अतिरिक्त सभी विमुक्त बाल श्रमिको को माननीय मुख्यमंत्री राहत कोष से २५००० रुपया प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि को उनके बैंक खाते में डालकर उसका सावधि जमा कराया जाएगा जो उन्हें उनके १८ वर्ष की आयु पूरी होने के पश्चात दी जाएगी।
धावा दल टीम में राकेश रंजन , श्रम अधीक्षक मोतिहारी के साथ धीरज कुमार सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई मोतिहारी, जूली कुमारी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मोतिहारी सदर, राकेश कुमार बाल संरक्षण पदाधिकारी, एसएसबी के पुलिस अवर निरीक्षक आदित्य पंवार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रक्सौल/आदापुर/ढाका , डंकन हॉस्पिटल के समीर डिगल, प्रयास संस्था के विजय कुमार तथा रक्सौल थाना के पुलिस पदाधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल थे।