जनबोल न्यूज
बिहार में नए निकायों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. राजधानी पटना सहित करीब 25 से अधिक जिलों ने प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजे हैं। इनमें नए नगर पंचायत गठन, क्षेत्र विस्तार और नगर पंचायतों को उच्चीकृत कर नगर परिषद बनाए जाने के प्रस्ताव शामिल हैं। प्रस्तावों की जांच-परख कर इन्हें जल्द ही कैबिनेट भेजने की तैयारी की जा रही है। राज्य में 70 से अधिक नई नगर पंचायतें बनाने की तैयारी है। जबकि 20 से अधिक निकायों को अपग्रेड या क्षेत्र विस्तारित किया जाएगा।
नए निकायों के गठन प्रस्तावों को अंतिम रूप देने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग शनिवार-रविवार के अवकाश में भी खोला गया। बल्कि रविवार को रातभर विभाग में प्रस्ताव आते रहे और यहां अफसर-कर्मी काम करते रहे। गौरतलब हो कि राज्य में लंबे समय से नए निकाय नहीं बने हैं। ऐसा शहरीकरण के मानकों के चलते नहीं हो पा रहा था। सरकार ने नए निकायों के गठन का रास्ता इसी साल छह मई को साफ कर दिया था। राज्य कैबिनेट ने शहरीकरण के मानकों में बदलाव को मंजूरी दे दी थी। अब निकायों के गठन और उच्चीकृत किए जाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
नगर विकास एवं आवास विभाग ने सभी जिलों से जो प्रस्ताव मांगे थे, उसमें खासतौर से ऐसे अनुमंडल मुख्यालय शामिल हैं, जो अभी तक किसी ग्राम पंचायत का ही हिस्सा हैं। नए निकाय गठन में वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाया गया है। सभी जिलों से आए प्रस्तावों की जांच की जा रही है। कई प्रस्ताव अधूरे थे। उनमें गूगल मैप या अन्य जरूरी कागजात नहीं लगाए गए थे। ऐसे निकायों को फिर अवसर दिया गया है।
नए शहरी निकाय बनने से पानी, बिजली, सड़क, स्ट्रीटलाइट की व्यवस्था बेहतर हो जाती है। वित्त आयोग से शहरी निकायों को गांव की अपेक्षा ज्यादा अंशदान मिलेगा। राज्यांश और केंद्रांश की भी हिस्सेदारी मिलेगी। बिहार का शहरीकरण महज 11% है, जो देश में सबसे कम है। नए निकाय से राज्य का शहरीकरण का प्रतिशत बढ़ जाएगा।
नए प्रस्तावित नगर परिषद
शिवहर
नोखा (रोहतास)
बोधगया (गया)
पीरो (भोजपुर)
नई प्रस्तावित नगर पंचायत
कुदरा और चैनपुर (कैमूर)
शिवसागर करगहर और काराकाट (रोहतास)
मीरगंज, रूपौली और भवानीपुर (पूर्णिया)
रानीगंज(अररिया)
सिकंदरा (जमुई)
गड़हनी (भोजपुर)
पावापुरी और गिरियक (नालंदा)
परबत्ता, मानसी, अलौली और बेल्दौर (खगड़िया)
गोगरी (खगड़िया) के क्षेत्र विस्तार का प्रस्ताव है।