जनबोल न्यूज
राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सह प्रवक्ता डाॅ0 रामानुज प्रसाद एवं प्रदेश महासचिव भाई अरूण कुमार ने आज किसानों के धरना का एक माह पूरा होने पर गहरी चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि यह हमारे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि हमारे अन्न दात्ता को सड़क पर उतरना पड़ रहा है और सरकार के कानों पर जँु तक नहीं रेंग रही है। देश के अन्न-दात्ता की बातों को नहीं सुनकर अडानी एवं अम्बानी जैसे पूंजीपतियों की सरकार सुन रही है।
देश के तमाम परिसम्पतियों को तो प्रधानमंत्री जी ने पंूजीपतियों के हवाले कर ही दिए हैं और अब किसानों को भी इनके हवाले कर दिए हैं। जिसका किसान विरोध कर रहे हैं। कृषि कानून का तीनों स्वरूप किसाना विरोधी के साथ जन विरोधी भी है। इन कानूनों के चलते उद्योगपतियों के इषारे पर खेती होगी और आने वाले समय में गेंहूं एवं धान की खेती में कमी आएगी और लोग उद्योगपतियों के द्वारा बंद सील पैक चावल, गेंहंू उचे दरों पर खरीदने के लिए मजबूर होंगे। एक तरफ किसान बर्बाद होंगे तो दूसरी और जनता और पंूजीपति मालामाल होंगे।
किसानों के इस हालत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ नीतीश कुमार भी दोषी हैं। वही राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के द्वारा किसान आन्दोलन को नक्सलवाद एवं आतंकवाद से जोड़े जाने पर कहा भाजपा के लोग ही
अन्नदात्ता के प्रति ऐसी भाषा का प्रयोग कर सकते हैं।