साल का चौथा भूकंप (Earth quake) के झटके पड़ोसी देश नेपाल में महसूस की गयी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में नेपाल से लगी सीमा पर था। रिएक्टर पैमाने पर आंकी गयी 6.3 के भूकंप का असर भारत की राजधानी दिल्ली तक रहा। हालांकि भारत में इससे हताहत की कोई खबर नहीं है जबकि नेपाल में इससे अबतक कुल 6 मौतें हो चुकि है। बताते चलें की 24 घंटे के अंतराल में यह नेपाल में भूकंप का दूसरा झटका था। मंगलवार की सुबह भी नेपाल में यह झटका महसूस की गयी थी जिसकी रफ्तार रिएक्टर पैमाने पर 4.5 आंकी गयी थी।
नेपाल में भूकंप (Earth quake) से 2015 में आयी थी भयंकर तबाही
24 घंटे के अंदर आाया लगातार 2 भूकंप (Earth quake ) के झटके जहां मंगलवार को आयी भूकंपर 4.5 की थी तो वहीं बुधवार को आयी भूकंप रिएक्ट पैमाने 6.3 की रफ्तार से आयी। भूकंप से अबतक 6 मौत की खबर है । लेकिन क्या आप जानते हैं नेपाल में भूकंप का एक इतिहास रहा है। नेपाल के इतिहास का सबसे भयंकर भुकंप साल 1934 का माना जाता है 8.0 की तिव्रता से आयी इस भुकंप में काठमांडू, भक्तापुर और पाटन शहरों को तबाह हो गया था। साल 2015 में आयी तबाही तो ज्यादा तर फाठकों के जेहन में भी होगा। साल 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने काठमांडू और पोखरा में जबरदस्त तबाही मचाई थी। उस दौरान अनुमानित 8 हजार 964 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 22 हजार लोग घायल हो गए थे। अकेले साल 2022 में नेपाल चार भूकंप के झटका महसूस कर चुका है। इस साल का पहला झटक 31 जुलाई को आयी तब 6.0 के स्केल पर भूकंप (Earth quake) आयी थी। दूसरा झटका 19 अक्टूबर को 5.1 की रफ्तार से आयी। इसके बाद मंगल बार 8 नवंबर को 4.5 की रफ्तार से और अब बुधवार 9 नवंबर को 6.3 की रफ्तार से झटका आया है जिसमें 6 लोगों की अबतक मौक की खभर है।