बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने सुशील मोदी को नीतीश मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री नहीं बनाने के लिए भाजपा के अगले रणनीति का एक हिस्सा बताया है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 हरखु झा, पूर्व विधायक ने कहा है कि सुशील मोदी वर्ष 2005 से कुछ महीनों को छोड़कर 2020 तक बिहार सरकार में एक ही विभाग वित्त मंत्री का कार्य कर रहे थे। बीते वर्षों में सरकार में लगभग 31 वित्तीय घोटाला हुआ है जिसकी जाँच के लिए विपक्ष सदन के अन्दर और बाहर लगातार मांग कर रहा था और आगे भी करेगा।
डा० झा ने कहा है कि सुशील मोदी पर वर्तमान विधान सभा का लगभग 25 सीटों को मुख्यमंत्री के साथ मिलकर हेराफेरी करने का आरोप भी विपक्ष ने लगाया है।
डा० झा ने कहा है कि सुशील मोदी का एकमात्र एजेन्डा लालू परिवार पर भ्रष्टाचार का मनगडंत अरोप लगाना मात्र रह गया था लेकिन अपने वर्षों के कार्यकाल में एक भी प्रमाण नहीं जुटा पाये। इन्हीं सब बातों को देखते हुए पार्टी ने इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया है।
डा0 झा ने कहा है कि नीतीश सरकार का कार्यकाल बहुत दिनों तक नहीं चल सकता है, क्योंकि नीतीश जी का कार्य करने का तरीका लोकतंत्र विरोधी अफसरशाही का प्रतीक है और श्री कुमार इस तंत्र के संरक्षक हैं जो आमजन एवं उनके सहयोगी को पसंद नहीं आएगा। डा0 झा ने कहा है कि विपक्ष एकजुट है और आगे भी चुनाव में जो वादे किये गये थे उसके प्रति सदन और सदन के बाहर प्रतिबद्धता के साथ जनता के बुनियादी मुद्दों पर एकजूट रहेगा।