जनबोल न्यूज
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर सियायत में हलचल तेज है . बिहार में कांग्रेस और राजद महागठबंधन के साथ साथ है लेकिन राजद ने कांग्रेस पर बड़ा हमला कर दिया है . राजद के दिग्गज नेता शिवानन्द तिवारी ने कांग्रेस पर वार करते हुए राहुल गांधी पर निराशाजनक टिप्पणी की है .
शिवानंद तिवारी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि सोनिया गांधी जी , जिस तरह से आपने प्रधानमंत्री की कुर्सी का मोह त्याग कर कांग्रेस को बचाया था. आज उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि पुत्र मोह त्याग कर देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए कदम बढ़ाइए . उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी की बैठक होने जा रही है. पता नहीं उस बैठक का नतीजा क्या निकलेगा. लेकिन यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की हालत बिना पतवार के नाव की तरह हो गई है. कोई इसका खेवनहार नहीं है. राजीव गांधी अनिच्छुक राजनेता रहे हैं. वैसे भी यह स्पष्ट हो चुका है कि राहुल गांधी में लोगों को उत्साहित करने की क्षमता नहीं है. जनता की बात तो छोड़ दीजिए, उनकी पार्टी के लोगों का ही भरोसा उन पर नहीं है. इसलिए जगह-जगह के लोग कांग्रेस पार्टी से मुंह मोड़ रहे हैं. खराब स्वास्थ्य के बावजूद बहुत ही मजबूरी में सोनिया जी कामचलाऊ अध्यक्ष के रूप में किसी तरह पार्टी को खींच रही हैं. मैं उनकी इज्जत करता हूं.
मुझे याद है सीताराम केसरी के जमाने में पार्टी किस तरह डूबती जा रही थी. वैसी हालत में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का कमान संभाला था और पार्टी को सत्ता में पहुंचा दिया था. हालांकि उनके विदेशी मूल को लेकर काफी बवाल हुआ था. भाजपा की बात छोड़ दीजिए, कांग्रेस पार्टी में भी उनके नेतृत्व को लेकर गंभीर संदेह व्यक्त किया गया था. शरद पवार आदि उसी जमाने में सोनिया जी के विदेशी मूल के ही मुद्दे पर पार्टी से अलग हुए थे. हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिला बहुमत सोनिया जी के ही नेतृत्व में मिला था. इसलिए सोनिया जी ही प्रधानमंत्री की कुर्सी की स्वभाविक अधिकारी थीं. लेकिन उनका प्रधानमंत्री नही बनना असाधारण कदम था. उसी कुर्सी के लिए हमारे देश के दो बड़े नेताओं ने क्या-क्या नाटक किया था, हमारे जेहन में है.