Record in five state election पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आगये हैं. इस चुनाव का सबसे बड़ा सेंटर कभी वामपंथ का गढ़ कहे जाने वाला बंगाल रहा है जहाँ वैसे तो ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 214 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। यह जीत वामपंथ के गढ़ रहे बंगाल में ममता की हैट्रिक है । इन सबके बीच सबसे अधिक चर्चा वामपंथी और संघी(भाजपा) दोनों द्वारा बनाया गया रिकार्ड है।
एकबार फिर इंदिरा से आगे निकले मोदी
पाँच राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आने के बाद भाजपा ने अपने खाते में एक और राज्य पडुचेरी को जोड़ा है। हालांकि क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिहाज से यह बेहद छोटा राज्य है । यहाँ मात्र 14 लाख की आबादी निवास करता है और क्षेत्रफल 483 वर्ग किलोमीटर है। लेकिन इस जीत के साथ भाजपा के खाते कुल 18 राज्य होगये हैं। यह इंदिरा के समय के कॉग्रेस के 17 राज्यों से संख्या में अधिक है। जनसंख्या के लिहाज से बात की जाये तो मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा का शासन वर्तमान में भारत के कुल आबादी का 49% जनसंख्या वाले राज्यों पर है। बताते चलें कि इससे पहले भी इंदिरा के रिकार्ड से मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा आगे निकली है। BJP के उफान का दौड़ मार्च 2018 में NDA की देश के 21 राज्यों में सरकार थी। तब देश की 71% आबादी पर BJP या NDA की सत्ता थी।
केरल और बंगाल में एक साथ वामपंथियों का रिकार्ड
वामपंथ के गढ़ रहे बंगाल में वामपंथियों का खाता तक नहीं खुलना अपने आप में एक रिकार्ड है। यही नहीं 2011 में हार के वाबजूद 40 % मत हासिल करने वाले वामपंथियों ने इसबार 5% वोटों के आंकड़े पर हीं सिमट गये। पिछले चुनाव की भी बात करें तो 2006 के चुनाव में वामपंथियों के खाते कुल 26 % मत आये थे। 39 साल तक सत्ता में रहने वाली पार्टी का खाता तक नहीं खुलना अपने आप में एक रिकार्ड है। हालांकि केरला ने वामपंथियों को सहारा दिया है जहां मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की अगुवाई में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे ने एक बार फिर जीत हासिल की। वह केरल में तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री हो गए जो जिनकी अगुवाई में लगातार दो चुनाव जीते गए।
Record in five state election