IMA Baba Ramdev controversy : बाबा रामदेव के लिए मुश्किलों का दौर खत्म नहीं हो रहा है। ऐलोपैथ चिकित्सा पद्धति पर टिप्पणी कर फंसे बाबा रामदेव के खिलाफ Indian Medical Association ( IMA) के लेटर से अब स्वास्थ्य विभाग भी हड़कत में आ गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ . हर्षवर्धन नें बाबा रामदेव को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें बाबा को आईएमए से माफी मांगने की सलाह दी गयी है। चिट्ठी में कहा गया है कोरोना महामारी में अपने जीवन दाव पर लगाकर लोगों की मदद करने वाले ऐलोपैथिक चिकित्सकों और चिकित्सा पद्धति पर उनकी टिप्पणी से कोरोनावारियर्स का अपमान हुआ है। पत्र में कहा गया है कि ऐलोपैथिक चिकित्सकों के प्रयासों से हीं देश में कोरोना महामारी के मरीजों का मृत्युदर मात्र 1.13 प्रतिशत और रिकवरी रेट 88 प्रतिशत है उनकी सेवा का अपमान करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
क्या थी बाबा की टिप्पणी ?
बाबा रामदेव और आईएमए विवाद ( IMA Baba Ramdev controversy ) को समझने के लिए बाबा रामदेव के टिप्पणी को जानना होगा। बाबा रामदेव से जिस कारण से आईएमए खफा है उसकी मुख्य वजह उनकी एक अभद्र टिपप्णी है। योग गुरू बाबा रामदेव ने कोरोना महामारी में हो रहे मौतों के लिए ऐलोपैथिक चिकित्सा पद्धति को जिम्मेवार बताया था। वायरल हो रहे वीडियो में बाबा रामदेव यह कहते नजर आ रहे हैं कि ‘मॉडर्न एलोपैथी एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है, लाखों लोगों की मौत एलोपैथ की दवा खाने से हुई है। जिसके बाद आईएमए (IMA) बाबा के खिलाफ सख्त हुआ और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को चिट्ठी लिख कर रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट में केस दर्ज करवाने की सलाह दी।
पतंजलि ने किया बाबा का बचाव
स्वदेशी समानों के विक्रेता और आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माता बाबा रामदेव द्वारा बनाया गया पतंजलि आरोग्य ट्रस्ट ने बाबा रामदेव का बचाव किया था। शनिवार को पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया कि स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह गलत और निरर्थक है । रामदेव चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का बेहद सम्मान करते हैं, जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम करते हैं।