कोरोना महामारी के बाद 5 मई से लगा लॉक डाउन बिहार में समाप्त (Bihar unlock) होने की प्रक्रिया में है। 34 दिनों से लगा लॉक डाउन अब नाईट कर्फ्यू में तबदील हो चुका है। सरकारी और निजी कार्यालयों को भी 50 % कर्मचारियों के साथ खोले जाने की इजाजत मिल चुकी है। दुकान 5 बजे तक हीं खोले जा सकेंगे। सार्वजनिक वाहनों के परिचालन पर अब भी पाबंदियाँ यथावत है। पूरे लॉकडाउन के दौरान कभी लॉक डाउन लगाने का विरोध करने, कभी बेरोजगारों के लिए 5000 रूपये का बेरोजगारी भत्ता की मांग कर चर्चा में बने रहे हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी अब नीतीश कुमार के अनलॉक करने के तरीके से भी पूरी तरह संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं।
नीतीश की तारीफ के साथ मांझी की नई डिमांड
बिहार में लगातार घटते मरीजों की संख्या के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गई अनलॉक (Bihar unlock) की प्रक्रिया से किसी आम बिहारी नागरिक की तरह जीतन राम मांझी भी खुश है। जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार द्वारा लिया गया अनलॉक करने के निर्णय की सराहना की है । उन्होने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा है
“बिहार सरकार का लॉकडाउन ख़त्म करने का फ़ैसला सराहनीय है।”
सराहना के ठीक आगे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी नई डिमांड भी जोड़ दी। आगे उन्होने अपने ट्विट में लिखा है।
माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि सरकारी कार्यालयों में 100% कर्मियों व अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करें जिससे विकास का कार्य सुचारू ढंग से चलता रहे।
बताते चलें कि हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी बिहार में जारी 34 दिनों के लॉक डाउन के पक्ष में हीं नहीं थे। लॉकडाउन के बाद सत्ता में रहते हुए पूरे लॉक डाउन के दौरान एक मजबूत विपक्ष की भूमिका में नजर आये हैं। चाहे वह पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर सरकार के खिलाफ जाना हो या बेरोजगारों के लिए 5000 रूपये मासीक भत्ते का इंतजाम करना हो। मांझी हमेशा अपनी हीं सरकार को आडे हाथों लेते रहे हैं ।