यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में आरक्षित सीटों के साथ खेल चल रहा है। इस बार के सिविल सेवा के परिणाम के मुताबिक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षित सीटों को पूरी तरह नहीं भरा गया है। यह जानकारी राजस्थान के कांग्रेस नेता नीरज डांगी ने संसद में चिंता प्रकट करते हुए कही। इस बार सिविल सेवा के जो परिणाम आए हैं उसके मुताबिक कुल 927 में से 918 पदों पर नियुक्ति की गई है। इसमें 139 पद अनुसूचित जाति व 69 पद पर अनुसूचित जनजाति के थे। एससी के 130 व एसटी के 67 पदों पर नियुक्ति की गई। दरअसल यहाँ सरकार की ओर से सीधी भर्ती (लेटरल एंट्री) के जरिए नियुक्ति के लिए 10 पद निकाले गए हैं लेकिन इनमें आरक्षित सीटों का उल्लेख नहीं है। बिहार भाजपा के नेता रामनाथ ठाकुर ने केंद्र से विभिन्न मंत्रालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित पदों पर रिक्तियों का मामला उठाया। हरियाणा के भाजपा सदस्य राचंदर जांगरा ने कहा कि ओबीसी आयोग की तर्ज पर राज्यों में भी ओबीसी आयोग का गठन किया जाना चाहिए और उन्हें संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए। वहीं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने छात्रवृत्ति योजना से संबंधित प्रश्न किया।