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कृषि मंत्री ने कहा , आत्मनिर्भर भारत योजना का लाभ किसानों के चहुँमुखी विकास में मील का पत्थर साबित होगा

माननीय केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में देश के सभी राज्यों के माननीय कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम

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shaziya shamim

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माननीय केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में देश के सभी राज्यों के माननीय कृषि मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की गई, जिसमें माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डॉ० प्रेम कुमार द्वारा भाग लिया गया।

इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में माननीय कृषि मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा 20 लाख करोड़ रूपये के आर्थिक पैकेज में से कृषि के क्षेत्र में बुनियादी ढाँचा के लिए 1 लाख करोड़ रूपये की राशि की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रूपये की राशि और पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए 15 हजार करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है और हर्बल पौधों को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रूपये की राशि की व्यवस्था की गई है।

ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार होगा, टॉप-टू-टोटल के लिए 500 करोड़ की व्यवस्था की गई है और मधुमक्खीपालकों के लिए भी 500 करोड़ रूपये का जो व्यवस्था किया गया है और इससे देश के किसानों के हित में जो माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के द्वारा और हमारे माननीय केन्द्रीय कृषि मंत्री के प्रयास से पूरे देश के किसानों के हित में और देश के अन्नदाता किसान भाई-बहनों के हित में आत्म निर्भर भारत योजना के तहत् जो निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा मैं इसके लिए बिहार के अन्यदाता किसान भाइयों एवं बहनों की ओर से देश के यशश्वी आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री जी को शुभकामना एवं बढाई देता हूँ।

माननीय मंत्री ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बिहार में कृषि विभाग अपने स्तर से राज्य के सभी प्रखण्डों में एक एफ०पी०ओ० बना रही है। अभी तक 325 एफ०पी०ओ० बन चुका है, शेष भी प्रक्रिया में है। हमारे एफ०पी०ओ० को इस योजना से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर आने वाले समय में और एक समय सीमा के अंदर राज्य के सभी 534 प्रखण्डों में एफ०पी०ओ० बनाने का काम करेगी। साथ-ही-साथ हम बताना चाहते हैं कि राज्य में के०सी०सी० बनाने में बैंकों की अहम भूमिका होती है। पिछले वित्तीय वर्ष में बिहार में 10 लाख के०सी०सी० बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध अभी तक बैंकों द्वारा 172282 आवेदन स्वीकृत किया गया है।

डॉ० प्रेम ने बताया कि बिहार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभान्वित जितने किसान हैं, उनमें से 3,70,504 आवेदन भेजे गये हैं, जिसमें से बैंकों द्वारा मात्र 50,678 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री से अनुरोध किया कि बिहार में बैंकों को वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के अनुरूप किसानों के के०सी०सी० बनाने में सहयोग करने के लिए अपने स्तर से निदेशित किया जाये।

डॉ० कुमार ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत् कृषि क्षेत्र में असीम सम्भावनायें हैं। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में देश में एक वर्ष में किसानों के हित में उठाये गये कदम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ और पुनः बिहार के किसान भाइयों एवं बहनों की ओर से बधाई देता हूँ। आने वाले समय में आत्मनिर्भर भारत योजना का लाभ देश के किसानों के चहुँमुखी विकास में निश्चित तौर पर मील का पत्थर साबित होगा।

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