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गृह विभाग के पूर्व अंडर सेक्रेट्री की मौत सुशासन में जातिवाद का नया उदाहरण है : डॉ.मुन्न कुशवाहा

जनबोल न्यूज वैसे तो पूरा देश कोरोना के संकट काल से जुझ रहा है लेकिन बिहार कोरोना संकट के अलावा भी एक संकट से जुझ

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shaziya shamim

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वैसे तो पूरा देश कोरोना के संकट काल से जुझ रहा है लेकिन बिहार कोरोना संकट के अलावा भी एक संकट से जुझ रहा है यह है जातिवाद मानसिकता से निकलने का संकट। एक तो मरीज कोरोना का हो दूसरा दलित समाज से तो,मुश्किल और भी बढ़ जाता है। पिछले दिनों पटना एम्स में जो कुछ भी हुआ वह पूरी दुनिया के सामने है।

गृह विभाग के पूर्व अंडर सेक्रेट्री की मौत बेड होने के वाबजूद तड़प-तड़प कर हो जाती है। अंडर सेक्रेट्री उमेश रजक की मौत बिहार के सुशासन के साथ समाजिक न्याय वाली सरकार मे जारी जातिवाद को उघाड़ कर सबके सामने ले आया है। हालांकि सुशासन में जारी जातिवाद का यह कोई पहला मामला नहीं है एक साल पहले गोपालगंज में व्यापारी रामाश्रय कुशवाहा की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी जाती है आज तक लोगों को न्याय नहीं मिलता है। दरभंगा में ज्योति पासवान की बलात्कार के बाद हत्या कर दी जाती है लेकिन अबतक उसे न्याय नही मिल पाया है। उक्त बातें प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ मुन्ना कुशवाहा ने कहा।

डॉ.कुशवाहा ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था की लचड़-पचड़ स्थिति के अलावा जिस प्रकार से बिहार में जातिवाद चरम सीमा पर है यह दिखाता है कि 15 सालों के शासन में सुशासनी सरकार ने कितना जातिवाद घोला है। अंडर सेक्रेट्री उमेश रजक की मौत के जिम्मेदार लोगों को सरकार अविलंब सजा दे। अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा समाज के साथ यदि आजादी से 73 वर्षों बाद भी अन्याय जारी है तो ऐसे में बहुजन समाज पार्टी बिहार जिम्मेदार लोगों को चिह्नीत कर सजा नहीं देने की सूरत में बड़े आंदोलन के तरफ बढ़ने के लिए मजबूर होग।

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