Children day in India संयुक्त राष्ट्र संघ अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाता है। भारत में यह बाल दिवस 14 नवबंर को हीं मनाया जाता रहा है। बाल दिवस के इतिहास की बात करें तो वैसे तो बाल दिवस साल 1925 से ही मनाया जाने लगा था, लेकिन यूएन ने 20 नवंबर 1954 को बाल दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसतरह से विश्व बाल दिवस 20 नवंबर को 1954 से मनाया जाने लगा। वैसे बाल दिवस पूरी दुनिया में अलग-अलग तारिखों को मनाया जाता है लेकिन भारत में 14 नवबंर को मनाये जाने के पिछे मुख्य वजह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहर का जन्म दिन है।
नेहरू का जन्म 1889 में फिर 1964 से क्यों ?
भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्म वैसे तो 1889 में हुआ है। एक आम सवाल है कि आखिर जन्म 1889 में हुआ प्रधान मंत्री 1947 में बने फिर 17 बाद से बाल दिवस की शुरूआत क्यों हुयी। बताते चलें की साल 1964 की 27 मई को भारत ने अपना पहला प्रधान मंत्री खोया था। प्रधानमंत्री के निधन के बाद से लोगों ने बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए 1964 में आने वाले उनके 75वें जन्म दिन को बच्चों के प्रति स्नेह दिवस के रूप में बाल दिवस को मनाने का मन बनाया था तब से पंडित नेहरू के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
बच्चों के लिए छुट्टी के बीना भी महसूस होता छुट्टी सा महौल
अमूमन ज्यादातर राष्ट्रीय पर्व पर स्कूल कॉलेज समेत तमाम सरकारी संस्थानों में छुट्टी होती है लेकिन बाल दिवस एक ऐसा पर्व है जब किसी संस्थानों में छुट्टी नहीं रहती है। इसदिन बच्चे स्कूल में पढ़ाई के साथ सेलिब्रेशन और पढ़ाई दोनों साथ साथ करते हैं। पूरी तरब से यह दिन बच्चों के लिए मौज भरा होता है।
Corona में कैसे मनेगा Children day in India
इसबार बाल दिवस न केवल कोरोना से प्रभावित है बल्कि बाल दिवस के दिन पहले से हीं छुट्टी भी घोषित है। ऑन लाईन क्लासेज से महरूम सरकार स्कूल के बच्चे तो ऐसे भी ऑन लाईन बच्चों का यह पर्व नहीं मना पाते लेकिन दिपावली का त्योहार होने की वजह से अब प्राईवेट स्कूल के बच्चे भी इस पर्व से दूर रहेंगे।