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Indian Constitution day : दुनिया सबसे बड़े नियम कायदे को लागू होने का दिन

जनबोल न्यूज 26 नवंबर संविधान दिवस ( Indian Constitution day ) , यह दिन है भारतीय संविधान को याद करने का। अंग्रेजों की बांटो और

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26 नवंबर संविधान दिवस ( Indian Constitution day ) , यह दिन है भारतीय संविधान को याद करने का। अंग्रेजों की बांटो और राज करो की नीति से दो टुकड़े में बंटे भारत को उस काले दिन से सिख लेने की । भारता का Preamble संविधान की मूल आत्मा है । आजादी मिलते हीं देश चलाने के लिए एक संविधान की जरूरत तो थी लेकिन यह टॉस्क इतना आसान नहीं था। सभी धर्म जाति और मजहब के लोगों के आकांक्षाओं को Address करने की कोशिश के कारण
भारत के संविधान निर्माताओं को संविधान बनाने में 2 वर्ष 11 महिने 18 दिन लग गये। 29 अगस्त 1947 से शुरू हुआ संविधान निर्माण का कार्य 26 नवंबर 1949 तक का समय ले लिया  26 नवंबर वह दिन  है जिस दिन हम संविधान की चर्चा और निर्माण प्रक्रिया व निर्माताओं  के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं।

आइए अब अपने संविधान से जुडे तथ्यों को जानें 

• .भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। सबसे बड़ा लिखित संविधान ने हमें सबसे बड़ा गणतंत्र का तमगा दिया है।
• भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां शामिल हैं।
• वैसे तो संविधान बनने की शुरूआत 29 अगस्त 1947 से शुरू हुआ था लेकिन जनवरी 1948 में हीं जाकर संविधान के प्रारूप की चर्चा की गयी
• संविधान की प्रारूप पर हुयी 32 दिनों के चर्चा में कुल 7635 संशोधन प्रस्तावित हुए.
• प्रस्तावित संशोधनो में 2473 पर विस्तार से चर्चा हुयी।
• 26 नवंबर 1949(Indian Constitution day ) को बनने के बाद संविधान सभा के कुल 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1949 को संविधान पर हस्ताक्षर किये

24 जनवरी को 284 सदस्यों के हस्ताक्षर के बाद हीं 26 जनवरी 1950 से भारतीय संविधान मुल रूप से लागू हुआ
• आप सोंच रहे होंगे की इतना बड़ा संविधान निश्चित तौर पर टाईपींग की गयी होगी लेकिन नहीं पेन और कागज से भारतीय संविधान की मूल प्रति हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषा, में हस्तलिखित है।
• मूल प्रति को दोनों भाषाओं में लिखने वाले भी एक हीं व्यक्ति हैं प्रेम बिहारी नारायण रायजादा इनका खानदानी पेशा हीं कैलीग्राफी था।
• प्रेम बिहारी राय को पूरा संविधान लिखने मे 6 महिने का समय लगा था।
• खासबात यह की पूरे संविधान को लिखने वाला कैलिग्राफर ने कोई रकम नहीं ली बल्कि हर पेज पर अपना नाम और अंतिम पेज पर अपना और अपने दादा जी का नाम लिखने की शर्त रखी।
• संविधन में उपयोग किये गये चित्रों को आचार्य नंदलाल बोस ने सजाया है.
• प्रस्तावना पेज को सजाने का काम राम मनोहर सिन्हा ने किया है।
• खासबात यह की संविधान की मूल प्रति को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय संसद की लाईब्रेरी में रखे हिलियम गैस के केस का इस्तेमाल किया गया है।

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