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17 वीं बिहार विधान सभा के पहले सत्र के तिसरे दिन स्पीकर के चुनाव का दिन है। इस चुनाव में सदन में तमाम निर्वाचित सदस्य मौजूद हैं। इन सदस्यों के अलावा विधान सभा में तीन ऐसे व्यक्ति भी मौजूद हैं जो इस सदन के सदस्य नहीं है. जिन लोगों को सदन की सदस्यता नहीं है उसमें अशोक चौधरी और मुकेश सहनी तो विधान परिषद तक के सदस्य नहीं है हालांकि सरकार ने उन्हे मंत्री पद की सपथ जरूर दिलाया है। सदन में मुकेश सहनी और अशोक चौधरी के उपस्थिति से तेजस्वी यादव खासे नाराज दिखे. उन्होने कहा कि ये विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव का अवसर है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई ऐसे मंत्री महोदय जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं है विराजमान होकर अपनी ‘ध्वनि’ से ध्वनि मत को समृद्ध कर रहे हैं। जनादेश चोरी के बाद आप लोकतंत्र को और शर्मसार कर रहे हैं। सदन स्थापित परंपरा नहीं स्थापित नियम से चलता है। विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में मुख्यमंत्री जो सदन के सदस्य भी नहीं है उनके बैठने की कोई परंपरा नहीं रही है। अशोक चौधरी और मुकेश सहनी जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं है वो सदन में कैसे बैठे है?