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बिहारी कलाकार अविनाश को नहीं भूलता अमिताभ बच्चन के साथ हुआ हादसा, लगा खत्म हुआ करियर

पटनाः वेब सीरीज ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ के चंदन महतो ने बिहार के बाहर तक शेखपुरा के एक अपराधी के कारनामों की चर्चा छेड़ दी।

By Janbol News

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abhijay kumar

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पटनाः वेब सीरीज ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ के चंदन महतो ने बिहार के बाहर तक शेखपुरा के एक अपराधी के कारनामों की चर्चा छेड़ दी। इस किरदार को जीवंत किया गोपालगंज के निवासी अविनाश तिवारी ने। अविनाश इसके पहले लैला मजनू, युद्ध, मम्बई मेरी जान, बुलबुल आदि फिल्मों से सुर्खियां बटोर चुके हैं। उन्हें आज भी टीवी सीरीज युद्ध में अमिताभ बच्चन के साथ हुआ वाकया नहीं भूलता। वह कहते हैं कि उस दिन तो लगा था कि करियर ही खत्म हो गया, लेकिन बिग बी का दिल तो बहुत बड़ा है।
मन में बसा है पुराना बिहार
बातचीत में अविनाश खाकी के गीत ‘ठोक देंगे कट्टा कपार में, आइए न बिहार में’ को याद करते हुए कहते हैं कि लोग मुझसे पूछने लगे थे कि क्या यही बिहार है? वह कहते हैं कि राज्य से बाहर वालों के जहन में आज से 25 वर्ष पहले वाला राज्य ही बसा है। क्योंकि मैं बिहार से हूं, इस लिए चंदन को पेश करने में थोड़ी आसानी हुई। बावजूद इसके किरदार के साथ न्याय करने के लिए खूब पसीना बहाया।

चंदन ने जुटा दी भीड़
वेब सीरीज को मिली प्रतिक्रिया पर अविनाश कहते हैं कि दर्शकों तक पहुंचने के बाद जब बिहार आया तो पता चला कि खाकी क्या थी। चंदन ने भीड़ जुटा दी। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इसे खूब पसंद किया गया। चंदन प्रेरणादायक किरदार नहीं, पर सिनेमा एक पक्ष की कहानी कहता है। फिल्म का काम चर्चा शुरू करना है। यह श्रोताओं पर है कि वह किस निष्कर्ष तक पहुंचते हैं। सिनेमा में कहानी कहने और सुनने दोनों पक्ष की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

कलाकार खुद का आकलन करे
बातचीत में अविनाश खुद को ऊर्जा देने वाली पक्तियां भी साझा कीं। कहा, तुम हीरे हो होगे, चमकोगे तभी जब रोशनी तुमपर पड़ेगी। फिल्म ‘लैला मजनू’ को केंद्र में रख वह कहते हैं, इस विधा के 20 वर्ष के अनुभव में मुझे 15 साल लग गए इस मुकाम पर पहुंचने में कि मैं अपने नाम से फिल्म रिलीज करवा सकूं। वह कहते हैं कि कलाकार के लिए यह जरूरी है कि वह क्या चाहता है। उसके क्या सपने हैं। वह किस स्थान पर खुद को देखता है। जो वह चाहता है, उसके काबिल है या नहीं। इन सबके साथ ऊपर वाले का आशीष भी जरूरी है।

अमिताभ के सामने जागा अंदर का बिहारी
टीवी सीरीज युद्ध के दौरान अमिताभ बच्चन के सिर में अविनाश की कोहनी लग गई थी। उस घटना की चर्चा करते हुए वह कहते हैं, उस समय तो लगा जैसे मेरी जान ही निकल गई हो। मुझे लगने लगा था कि अब तो करियर खत्म हो गया, फिर अंदर का बिहारी जागा। मैं अमिताभ सर के पास पहुंचा और माफी मांगते हुए फिर से रिहर्सल के लिए कहा। यह सुनते ही अमिताभ निर्देशक से बोले, कहां से लाए हो इसे? लेकिन उन्होंने बड़प्पन दिखाया और दोबारा तैयार हो गए।

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