पटना: बिहार में विपक्ष बदलता रहा, पर मुख्यमंत्री नहीं। नौ बार से एक ही व्यक्ति सीएम पद की शपथ ले रहे हैं। कौन? नीतीश कुमार। ऐसा इस लिए क्योंकि नीतीश समय-समय पर गठबंधन बदलते रहे। विपक्षियों की मजबूरी तो ऐसी है कि 43 सीट वाले जदयू का ही मुख्यमंत्री बनता है। 75 से अधिक विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं को सालों से सीएम पद नसीब नहीं है। नए साथी के साथ नीतीश कुमार को सीएम बने अभी एक महीना भी नहीं बीता है, कि मन बदलने वाले नेता पर राजद सुप्रीमो ने बड़ा बयान दिया।
राजद का दरवाजा खुला रहता है: लालू
ये चर्चा शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की मीडिया से बातचीत के बाद चलने लगी। उन्होंने राजधानी पटना से जंदाहा रवाना होने से पहले कहा कि अगर नीतीश आएंगे तो देखा जाएगा। इस पर मीडिया वालों ने सवाल किया कि क्या नीतीश कुमार के लिए राजद का दरवाजा फिर खुल गया है? इस पर लालू ने कहा कि हमारी पार्टी का दरवाजा खुला रहता है। अब इस बयान से फिर बिहार की राजनीति में कयास लगाए जाने शुरू कर दिए गए हैं।
कहीं नहीं जाएंगे, इधर ही रहेंगे:नीतीश
हालांकि बीती 28 जनवरी को ही नीतीश कुमार ने पाला बदला है। वह महागठबंधन का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गए। एक बयान में नीतीश ने कहा कि अब इधर ही (एनडीए) रहेंगे, कहीं नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री के पुराने राजनीतिक फैसले को देखते हुए नेतागण किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाते। हालांकि सीएम के एनडीए के साथ आने के निर्णय को इसी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।