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संदेशखाली के मुख्‍य आरोपित शाहजहां शेख गिरफ्त से बाहर, कलकत्‍ता हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

कोलकाता, जनबोल स्‍टाफ: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल के उतर 24 परगना जिला के संदेशखाली से लाइव रिपोटिंर्ग के दौरान बंगाल पुलिस द्वारा हाल में

By Janbol News

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abhijay kumar

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कोलकाता, जनबोल स्‍टाफ: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल के उतर 24 परगना जिला के संदेशखाली से लाइव रिपोटिंर्ग के दौरान बंगाल पुलिस द्वारा हाल में गिरफ्तार किए गए एक बांग्ला समाचार चैनल पत्रकार शांतु पान को गुरुवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति कौशिक चंदा ने संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपित फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर पुलिस की भूमिका पर असंतोष जताते हुए टिप्पणी की कि मुख्य आरोपित को पकड़ने की जगह आप पत्रकार को गिरफ्तार करने में ऊर्जा क्यों लगा रहे हैं? आप एक निर्दोष पत्रकार के पीछे पड़े हैं और असली मुजरिम कानून का मजाक बना रहा है। अदालत ने संदेशखाली थाने में पत्रकार शांतु पान के खिलाफ दर्ज मामले में आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मंगलवार को संदेशखाली कांड के मुख्य आरोपित फरार तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा। अदालत ने इतने दिनों बाद भी अब तक शाहजहां की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर राज्य सरकार व पुलिस की भूमिका पर गहरी नाराजगी जताई। अदालत ने इसी के साथ टिप्पणी की कि संदेशखाली में जो कुछ भी हो रहा है इस पूरी घटना के लिए शाहजहां शेख जिम्मेदार है।

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएम शिवगणनम की खंडपीठ ने यहां तक टिप्पणी की कि देखते हैं शाहजहां शेख कितना ताकतवर और क्या करता है। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में संदेशखाली की महिलाएं शाहजहां शेख और उसके करीबियों की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। महिलाओं का आरोप है कि शाहजहां और उसके समर्थकों ने उनका यौन उत्पीडऩ किया और जबरन जमीन पर भी कब्जा कर लिया है।

कहीं सुरक्षा तो नहीं दी जा रही :

मुख्य न्यायाधीश ने संदेह व्यक्त किया कि संदेशखाली में ईडी तथा सीएपीएफ कर्मियों पर पांच जनवरी को हुए हमले का मास्टरमाइंड फरार शाहजहां को कहीं किसी प्रकार की सुरक्षा तो नहीं दी जा रही। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य और जांच एजेंसियां फरार नेता को कलकत्ता उच्च न्यायालय में आत्मसमर्पण करने के लिए कह सकती हैं। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि के रूप में जिसे लोकप्रिय जनादेश द्वारा चुना गया है, शेख शाहजहां को अपनी बात जनता के सामने रखनी चाहिए। एक निर्वाचित जन प्रतिनिधि के रूप में उसे जन कल्याण के लिए काम करना चाहिए था। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि वह जनहित के खिलाफ काम कर रहा है।

शाहजहां के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं

इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स को देखते हुए ऐसा लगता है कि शाहजहां शेख के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। कोर्ट ने इस पूरे मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। खंडपीठ ने बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे इस मामले की अगली सुनवाई से पहले एक रिपोर्ट दाखिल करें, जिसमें बताना होगा कि एक फरवरी से अब तक संदेशखाली पुलिस स्टेशन में दुष्कर्म और यौन उत्पीडऩ के कितने मामले दर्ज किए गए हैं। कोर्ट के निर्देश के बाद ममता सरकार को हाई कोर्ट में हलफनामा देना होगा। इसमें सरकार को बताना होगा कि उसने संदेशखाली की पीडि़त महिलाओं के लिए क्या-क्या किया है।

 

एकल पीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था

 

कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपूर्ब सिन्हा राय की एकल पीठ ने संदेशखाली में हाल के घटनाक्रम पर 13 फरवरी को स्वत:संज्ञान लिया और दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई की अनुमति दी। पहला मामला स्थानीय लोगों की जमीन जबरदस्ती हड़पने का और दूसरा स्थानीय महिलाओं का यौन उत्पीडऩ करने का है। हालांकि बाद में न्यायमूर्ति सिन्हा राय ने मामले को न्यायमूर्ति शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ को भेज दिया।

शाहजहां को जारी हो चुके हैं तीन समन

शाहजहां शेख को ईडी की तरफ से तीन समन जारी हो चुके हैं। उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है। घटना के 45 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक शाहजहां शेख तक नहीं पहुंच पाई है। ईडी और दूसरी एजेंसियों ने पहले उसके बांग्लादेश भागने की आशंका भी व्यक्त की थी। संदेशखाली हिंसा में शाहजहां शेख के साथ शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के नाम सामने आए थे। पुलिस ने अभी तक शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया है।

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