कोलकाता , जनबोल स्टाफ : बंगाल में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति और पूर्व में चुनावी हिंसा के इतिहास को देखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने एक अभूतपूर्व फैसले में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही राज्य में केंद्रीय बलों को भेजने का फैसला किया है। शनिवार को आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि चुनाव की घोषणा से पहले मार्च के पहले सप्ताह में ही केंद्रीय बलों की 150 कंपनियां बंगाल पहुंच जाएगी। इनमें 100 कंपनी एक मार्च को जबकि बाकी 50 कंपनी सात मार्च को पहुंचेगी। चुनाव की तैयारियों के संबंध में स्थिति का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ तीन मार्च को बंगाल के दौरे पर आने वाली है, जो पांच मार्च तक यहां रहेगी। उससे पहले ही केंद्रीय बलों को भेजने का निर्णय लिया गया है। 10 मार्च के बाद देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा का अनुमान है।
आयोग के सूत्रों के अनुसार, शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने और मतदाताओं में विश्वास जगाने के लिए चुनाव से काफी पहले से ही राज्य के संवेदनशील हिस्सों में केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्णय लिया गया है।
बंगाल के चुनावी इतिहास में यह पहली बार है जब चुनाव की घोषणा से पहले ही केंद्रीय बलों की तैनाती होने जा रही है। राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने आयोग के इस फैसले का स्वागत किया है। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि यह निर्णय ममता सरकार के मुंह पर तमाचा है, जबकि इससे मतदाताओं में विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि बंगाल के हालात कश्मीर से भी खराब हैं। उल्लेखनीय है कि आयोग ने आगामी लोकसाभा चुनाव के लिए बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र बलों की सबसे अधिक 920 कंपनियों की तैनाती की मांग की है, जो किसी भी दूसरे राज्य से अधिक है।
चुनाव की तैयारियों को लेकर आयोग ने डीएम-एसपी के साथ की बैठक
लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीइओ) आरिज आफताब ने उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में राज्य के एडीजी (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के साथ सभी जिलों के डीएम- एसपी और विभिन्न पुलिस कमिश्नरेट के आयुक्त मौजूद रहे। बैठक में राज्य के सभी जिलों की कानून व्यवस्था की स्थिति समेत संवेदनशील बूथों की सूची पर चर्चा हुई। बताया गया कि बैठक में आयोग की तरफ से अधिकारियों को चुनाव की घोषणा से पहले केंद्रीय बलों की तैनाती के बारे में भी जानकारी दी गई। संदेशखाली समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई हिंसक घटनाएं हुई हैं। आयोग ने राज्य प्रशासन को इस संबंध में अधिक सावधानी बरतने का निर्देश दिया।